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अमीरी के मापदंड : अमरीका और यूरोप में कौन बेहतर?

दुनिया भर में सम्पन्नता मापने का प्रचलित पैमाना ‘सकल घरेलू उत्पाद’ (जीडीपी) ‘आर्थिक वृद्धि दर’ से ही उपजा है, लेकिन क्या यह किसी देश...

‘भारत रोजगार रिपोर्ट – 2024’ : युवा-रोजगार की पड़ताल

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भारत अपनी बढ़ती युवा आबादी के साथ, एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। ‘मानव विकास संस्थान’ (आईएचडी) और ‘अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (आईएलओ) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई ‘भारत...

आम चुनाव : बच्चों के प्रति बेपरवाह राजनीति

आम चुनाव में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने घोषणा-पत्र तैयार किये हैं, लेकिन अपेक्षाओं के विपरीत भारत की 42 प्रतिशत जनसंख्या, यानी युवाओं और बच्चों...

वरिष्ठ गांधीवादी विचारक कृष्ण मंगल सिंह कुलश्रेष्ठ का उज्‍जैन में निधन

समूचे शिक्षा और रचनात्‍मक समाज में शोक की लहर उज्जैन, 10 मई । विगत 6 दशक से उज्जैन के शिक्षा और सामाजिक जगत में अनुकरणीय...

कहां मिलेंगी किताबें : किताबों के सपने की मौत

लेखन, पत्रकारिता, जनांदोलन, जनहित की पैरवी जैसे कामों की वजह से प्रसिद्ध, गोवा के क्लॉड और नोर्मा अल्वारिस किताबों की अपनी दुकान ‘अदर इंडिया...

द साबरमती रिपोर्ट : सिनेमा के पर्दे पर राजनीति का खेल

भारती पंडित फिल्‍म समीक्षा मीडिया में तो राजनीति का दखल हम देख ही रहे थे, अब फिल्मों में राजनीतिक दखल के क्या मायने होते हैं, इस...

सावधान! आपकी थाली के शाकाहार में छुपा हो सकता है मांसाहार

मालवा निमाड़ के खेतों में पैदा होने वाली सरसों के साथ बैंगन, सोयाबीन आदि जैसी फसलों और साग-भाजी के साथ फल आपकी थाली में परोसे...

जीवन से जुड़ी आजीविका

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जीवन की तरफ पीठ देकर खड़ी की जा रही समृद्धि ने क्या हमें उस बुनियादी सुख से भी वंचित कर दिया है, जो इस...

पलायन और विस्थापन नियति है आदिवासियों की

निमिषा सिंह देश की आबादी में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 8.6% है, लेकिन विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वाले लोगों की कुल संख्या में अनुसूचित जनजाति के...

देश का पिछड़ता पर्यावरण

जिन वन और वन्यप्राणियों को इंसानी हस्तक्षेप से बचाने की खातिर समूची सरकारी ताकत जंगलों में बसे इक्का-दुक्का गांवों को खदेड़ने में लगी है,...

ओडिशा में सर्वोदय आंदोलन पर केंद्रित महत्वपूर्ण पुस्तक का विमोचन

सर्वोदय त्याग और सृजन का इतिहास है - चंदन पाल भुवनेश्वर, 17 नवंबर।  महात्मा गांधी के सर्वोदय विचार और स्वतंत्रता के बाद समानता व समृद्धि...