- एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीवी करेंगे अगुवाई
- 13 दिसंबर को छत्तीसगढ़ से मुरैना के लिए रवाना होंगे एकता परिषद के लोग
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को भूमिहीनों-मजदूरों के लिए काम करने वाले जन संगठन एकता परिषद और अखिल भारतीय सर्वोदय समाज ने भी अपना समर्थन दिया है। वरिष्ठ गांधी विचारक एवं एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीवी की अगुवाई में हजारों किसानों का जत्था पदयात्रा करते हुए 17 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के चुनाव क्षेत्र मुरैना से दिल्ली पहुंचेगा।
रायपुर के पास तिल्दा के प्रयोग आश्रम में हुई महत्वपूर्ण बैठक में एकता परिषद ने यह फैसला लिया है। इसमें सर्व सेवा संघ, सर्वोदय समाज, भारत पुनर्निर्माण अभियान, जल बिरादरी, एकता परिषद एवं अन्य संगठन शामिल है।
फैसले की जानकारी देते हुए एकता परिषद के संस्थापक और अखिल भारतीय सर्वोदय समाज के संयोजक राजगोपाल पीवी ने बताया कि किसानों के आंदोलन को हमारा समर्थन पहले से ही है। बैठक में यह बात हुई कि सरकार आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश में लग गई है। ऐसे में एक्शन तेज करना होगा। तय हुआ कि पदयात्रा की शुरुआत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिले और निर्वाचन क्षेत्र से होगी। शुरुआत मुरैना में एक जनसभा से होगी। उसके बाद पदयात्रा रवाना होगी।
किसान आन्दोलन के समर्थन में एक दिवसीय उपवास ‘अन्नदाता के लिए अन्नत्याग’ के बाद देश के विभिन्न संगठन मिलकर 14 दिसम्बर से एक नया आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं।
13 दिसंबर को मुरैना के लिए रवाना होंगे राजगोपाल पीवी
पी व्ही राजबोपाल स्वयं 13 दिसंबर को तिल्दा, छत्तीसगढ़ से यात्रा शुरू करने जा रहे है,यात्रा कवर्धा, मंडला, डिंडोरी, उमरिया, कटनी, दमोह, सागर, ललितपुर, झाँसी, दतिया, ग्वालियर होते हुए मुरैना, मध्यप्रदेश पहुँचेगी।
राजगोपाल पीवी ने कहा कि लोकमंत्र में सरकार जो कर रही है कि चुनाव जीतने के बाद किसी से बात करने की जरूरत नहीं है। किसानों से जुड़े कानून के लिए किसानों से बात मत करो, आदिवासी को प्रभावित करने वाले कानून से पहले उनका पक्ष मत पूछो, ये बेहद खतरनाक है। इसमें हस्तक्षेप के लिए ऐसे एक्शन की जरूरत आ गई है। देशभर से एकता परिषद और सर्वोदय समाज से जुड़े संगठनों को दूसरे माध्यमों से भी दिल्ली पहुंचने को कहा गया है।
पीवी राजगोपाल ने सामाजिक संगठनों, सामाजिक संस्थाओं से आव्हान किया है किे जो साथी यात्रा में जुडना चाहते है वे मुरैना पहुँचे। 17 दिसंबर की सुबह मुरैना से पैदल मार्च शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि जो मार्च में शामिल नहीं हो पा रहे है वे अपने – अपने स्तर पर उपवास करेंगे, छोटे छोटे आंदोलन करेंगे एवं विभिन्न कार्यक्रमों को 14 दिसम्बर से शुरू करेंगे।
उल्लेखनीय है किबुंदेलखंड में एकता परिषद का बेहद मजबूत आधार है। यूपीए शासनकाल में एकता परिषद ने भूमिहीनों के अधिकारों के लिए ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा की थी। इसमें 25-30 हजार से अधिक लोग शामिल थे। इस आंदोलन ने यूपीए सरकार पर भारी दबाव डाला था।