उपेन्द्र शंकर

फिलिस्तीन के साथ जारी घमासान में इजरायल पानी सरीखी बुनियादी जरूरत हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है और इसमें इजरायल की सरकारी कंपनी ‘मेकोरोट’ ने मार्चा संभाला है। क्या यह किसी भी तरह से स्वीकार्य होना चाहिए?

इजरायल की सरकारी स्वामित्व वाली जल कंपनी ‘मेकोरोट,’ जिसकी स्थापना 1937 में हुई थी और जो इजरायल के लगभग 90 प्रतिशत पीने के पानी की आपूर्ति करने के साथ ही ‘वेस्ट-बैंक’ और गाजा में जल-वितरण पर लगभग पूर्ण नियंत्रण रखती है। इस कंपनी की विशेषता है कि यह पानी को मानव अधिकार के रूप में नहीं, बल्कि खरीदे और बेचे जाने वाली वस्तु के रूप में देखती है, जहाँ आर्थिक मूल्य लोगों के अधिकारों पर हावी हो जाते हैं।

समय के साथ, ‘मेकोरोट’ ने अपने परिचालन का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया है। कंपनी का वैश्विक विस्तार मैक्सिको, मोरक्को और साइप्रस, अर्जेंटीना जैसे देशों में हुआ है। ‘मेकोरोट’ ने 2008 से अर्जेंटीना के प्रांतों में खुद को स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन 2022 में ‘संघीय निवेश परिषद’ (एक संघीय एजेंसी जो अर्जेंटीना में परियोजनाओं को बढ़ावा देती है और वित्त-पोषित करती है) की मध्यस्थता से इसने महत्वपूर्ण गति प्राप्त की। इसने ‘मेकोरोट’ द्वारा विभिन्न प्रांतों के साथ हस्ताक्षरित समझौतों में तीसरे पक्ष के रूप में कार्य किया और मुख्य रूप से जल-प्रबंधन के लिए मास्टर-प्लान विकसित करने के लिए सुविधा प्रदान की।

2022 में ‘मेकोरोट’ ने अर्जेंटीना के 10 प्रांतों के साथ समझौते किए। इसके अलावा दो और समझौते हैं – सैंटियागो डेल एस्टेरो और सांता फ़े, जहाँ संबंध पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। इस कंपनी की एक खासियत इसकी लो-प्रोफ़ाइल है। अपनी प्रोफाइल में यह नहीं दिखाती कि यह क्या कर रही है, इसलिए कई अनुबंधों के बारे में, मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से पता चलता है। जिन प्रांतों ने अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं वे हैं – रियो नीग्रो, न्यूक्वेन, चुबुत, सांताक्रूज़, मेंडोज़ा, सैन जुआन, ला रियोजा, कैटामार्का, जुजुय और फ़ॉर्मोसा। ये अनुबंध ‘मेकोरोट’ को इन प्रान्तों में जल-संसाधनों के आवंटन पर महत्वपूर्ण पकड़ प्रदान करते हैं। ‘मेकोरोट’ अर्जेंटीना के उन प्रांतों में जल-प्रबंधन और प्रशासन का प्रस्ताव दे रही है, जहां खनन विकास की संभावना है। यह कोई संयोग नहीं है। सब जानते हैं कि खनन और बड़े पैमाने पर पानी निकालने के बीच एक निश्चित संबंध है।

अर्जेंटीना में ‘मेकोरोट’ के विस्तार के साथ ही ‘फ़्यूरा मेकोरोट’ (‘मेकोरोट से बाहर निकलो’) अभियान एक जमीनी स्तर की लामबंदी के रूप में उभरा है। ‘फ़्यूरा मेकोरोट’ के आयोजक गिसेला कार्डोज़ो, जो मानवाधिकारों के लिए कार्यरत स्थायी सभा का भी हिस्सा हैं, अर्जेंटीना में ‘मेकोरोट’ की उपस्थिति के खिलाफ़ अभियान और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता के बारे में खुलकर बात रखते हैं। वे बताते हैं कि ‘फ़्यूरा मेकोरोट’ के कार्यों में से एक यह बताना है कि ‘मेकोरोट’ क्या है और  इसे अर्जेंटीना या दुनिया के अन्य हिस्सों में क्यों नहीं लाना चाहिए। दूसरा कार्य, विभिन्न प्रांतीय सरकारों से यह अनुरोध करना है कि वे अनुबंध से बाहर निकलें, क्योंकि वे जिसे ‘प्राकृतिक संसाधन’ कहते हैं उसका प्रबंधन प्रांत के अधिकार क्षेत्र में आता है।

वे कहते हैं कि हम इस बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं कि हम अर्जेंटीना में ‘मेकोरोट’ की उपस्थिति का विरोध क्यों करते हैं, जिसका संबंध प्रांतीय जल-कानूनों और संहिताओं को बदलने के ‘मेकोरोट’ के प्रस्ताव से है और जो हमारे जल-अधिकारों के निजीकरण और वस्तुकरण का पक्ष लेंगे। ‘मेकोरोट’ कुछ चुनिंदा लोगों के पक्ष में, जैसे बड़े पैमाने पर खनन हितों के पक्ष में, जल के बुनियादी ढांचे के स्थान और उद्देश्य को पुनर्गठित करने का भी प्रस्ताव करती है।

एक और मुद्दा जो ‘फ़्यूरा मेकोरोट’ उजागर करता है, वह है कि ‘मेकोरोट’ द्वारा पानी का प्रबंधन करने से अंततः पानी की कीमतें बढ़ जाएँगी और निवेश लागत उपयोगकर्ताओं को वहन करनी पड़ेगी। यही वह हरकत है जिसे ‘मेकोरोट’ करता और करना जानता है और जिसका प्रदर्शन वे हर दिन फिलिस्तीनी क्षेत्र में करते रहते हैं। गिसेला कार्डोज़ो याद करते हैं कि 2011 में जब ‘मेकोरोट’ ने ब्यूनस-आयर्स प्रांत में खुद को स्थापित करने की कोशिश की, एक मजबूत अभियान के कारण निविदा प्रक्रिया विफल हो गई। हमारे लिए, यह एक महत्वपूर्ण मिसाल है जो हमें खुद को एक अभियान के रूप में सोचने को प्रेरित करती है और जिसमें इस कंपनी को रोकने की क्षमता है। साथ ही ‘फ़्यूरा मेकोरोट’ अभियान, अर्जेंटीना के एक बड़े समूह के कार्यकर्ताओं द्वारा निर्मित है जो फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता के लिए अर्जेंटीना के विभिन्न संगठनों के साथ काम करता है।

‘फ़्यूरा मेकोरोट’ अभियान अन्य देशों के साथ भी समन्वय कर रहा है। ब्राजील, चिली, कोलंबिया, मैक्सिको, डोमिनिकन गणराज्य और उरुग्वे में ‘मेकोरोट’ के अनुभवों के बारे में बताया जा रहा है। गिसेला कार्डोज़ो लैटिन अमेरिका के इन अन्य देशों के साथ अपने अनुभव साझा करने और अभियान को व्यापक बनाने की पहल पर बात करते हुए कहते हैं कि फिलिस्तीनी जनता के साथ एकजुटता और ‘मेकोरोट’ के विरुद्ध दक्षिण अमेरिका के विभिन्न देशों को साथ लेकर ‘मेकोरोट’ के विरुद्ध एकजुटता एक ही बात है। इजरायल की सरकारी स्वामित्व वाली इस  कंपनी ने फिलिस्तीनी पानी की चोरी में अहम भूमिका निभाई है। (सप्रेस)

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