राजघाट,वाराणसी 11 सितंबर । स्वतंत्रता आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही और सर्व सेवा संघ राजघाट परिसर की स्थापना के प्रेरक आचार्य विनोबा भावे की जयंती, 11 सितंबर 24 की सुबह 6 बजे सर्वधर्म प्रार्थना के साथ 100 दिनों का सत्याग्रह प्रारंभ हुआ। महात्मा गांधी, आचार्य विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण के फोटो पर माल्यार्पण के साथ ही सत्याग्रहियों ने अन्याय का प्रतिकार एवं परिसर पुनर्निर्माण का संकल्प लिया।

उल्‍लेखनीय है कि एक वर्ष पहले 22 जुलाई 2023 को स्थानीय एवं रेल प्रशासन ने एक षड्यंत्र के तहत सर्व सेवा संघ के राजघाट परिसर को अवैध रूप से कब्जा कर लिया और 12 अगस्त 2023 को इसके अधिकांश भवनों को बुलडोजर से गिरा दिया। इसके पहले 2020 में तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर सर्व सेवा संघ के जमीन के एक हिस्से को कब्जा कर गुजरात की एक ठेका कंपनी को दे दिया गया था और 15 मई  2023 को गांधी विद्या संस्थान को भी बलपूर्वक कब्जा कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंप दिया गया। सर्व सेवा संघ परिसर को कब्जा करने में प्रधानमंत्री कार्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और रामबहादुर राय, आयुक्त कौशल राज शर्मा तथा जिलाधिकारी एस राजलिंगम की सीधी संलिप्तता देखी गई है।

आज के सत्याग्रह में सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, मंत्री अरविंद कुशवाह, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, वरिष्ठ गांधीवादी कृष्णा मोहंती, रविंद्र सिंह चौहान तथा विद्याधर दिनभर के उपवास पर रहे। इसके अलावा सर्व सेवा संघ के महामंत्री गौरांग महापात्र, प्रबंधक ट्रस्टी शेख हुसैन, प्रकाशन संयोजक अशोक भारत, अरविंद अंजुम, सत्येंद्र सिंह, संध्या सिंह, राजकुमार, अंकित, सुरेंद्र नारायण सिंह, तारकेश्वर सिंह, अनूप आचार्य, अजय यादव, रामकिशोर चौहान, विभूति विक्रम आदि भी सत्याग्रहियों के समर्थन में शामिल हुए।