राष्ट्रभाषा प्रचार समिति,भोपाल द्वारा दिये जाने वाले सम्मान घोषित

भोपाल, 4 दिसंबर। मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिंदी भवन, भोपाल द्वारा दिए जाने वाले वार्षिक सम्मानों की घोषणा समिति के संचालक श्री कैलाशचंद पंत ने एक विज्ञप्ति जारी करके कर दी है। इस बार का समिति का सबसे प्रमुख अखिल भारतीय सम्मान शिवपुरी के साहित्यकार एवं पत्रकार प्रमोद भार्गव को उनकी पुस्तक “पुरातन विज्ञान” पर दिया जाएगा।सम्मान के अंतर्गत 51 हजार की राशि,प्रशस्ति पत्र, शॉल,श्रीफल भेंट किए जाएंगे।

प्रमोद भार्गव की पुस्तक “पुरातन विज्ञान” में पुरातन विज्ञान और भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े ऐसे विज्ञान सम्मत लेख हैं,जो पुरातन ज्ञान को आधुनिक विज्ञान से जोड़ते हैं। इन लेखों में दिए तथ्यों की पुष्टि दुनिया भर में हो रहे उन अनुसंधानों से की है, जो विश्व के वैज्ञानिक कर रहे हैं। जिन्हें वैश्विक मान्यता भी मिली है। भार्गव के ये लेख हिंदी की सभी प्रमुख विज्ञान पत्रिकाओं के साथ ‘पत्रिका’ और ‘राजस्थान पत्रिका’ के सभी संस्करणों में एक स्तंभ में प्रकाशित भी हुए हैं । भार्गव का इसी विषय पर लिखा उपन्यास “दशावतार” भी खूब चर्चित हुआ है। इस उपन्यास के अनेक संस्करण तो निकले ही हैं,अंग्रेजी में भी इसका अनुवाद छप चुका है। भार्गव की उपन्यास, कहानी संग्रह समेत विविध विषयों की दो दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। यह सम्मान 25 दिसंबर 2024 को हिंदी भवन , भोपाल में एक भव्य समारोह में प्रदान किया जायेगा।

इसी तरह वीरेंद्र कुमार तिवारी सम्मान बैतूल के शिशिर कुमार चौधरी,शैलेश मटियानी कथा सम्मान भोपाल की श्रीमती शीला मिश्रा, सुरेशचंद्र शुक्ल नाट्य सम्मान मुम्बई के जयंत शंकर देशमुख, डॉ प्रभाकर श्रोत्रिय आलोचना सम्मान कोच्चि की डॉ के वनजा, शंकरलाल बत्ता पौराणिक सम्मान भोपाल के मोहन तिवारी आनंद ,संतोष श्रीवास्तव कथा सम्मान हल्द्वानी को दिया जाएगा। इन सम्मानों के अंतर्गत 21 हजार की राशि,प्रशस्ति पत्र, शॉल, श्रीफल प्रदान किए जाएंगे। श्रीमती संतोष बत्रा स्मृति सम्मान भोपाल की श्रीमती इंदिरा दांगी को दिया जाएगा, इसमें 11 हजार की राशि के साथ प्रशस्ति पत्र, शॉल,श्रीफल दिए जाएंगे।

उल्‍लेखनीय है कि प्रमोद भार्गव की लेखन में किशोरावस्था से ही रुचि रही। उनकी पहली कहानी मुम्बई से प्रकाशित नवभारत टाइम्स में छपी। फिर दूसरी प्रमुख कहानी ‘धर्मयुग’ में और फिर पत्रिकाओं में लेखन का सिलसिला चल निकला। 1987 में ‘जनसत्ता’ में पत्रकारिता से जुड़ गए। जिला एवं प्रदेश स्तरीय पत्रकरिता करते हुए धर्मयुग में भी कई रपटें लिखीं। शब्दिता संवाद सेवा के संपादक, आज तक, शिवपुरी के संवाददाता के रूप में सेवाएं दे रहे है। साथ ख्‍यातनाम फीचर सेवा सर्वोदय प्रेस सर्विस (सप्रेस) से भी उनका प्रारंभ से ही जुडाव रहा है।

प्रमोद भार्गव का एक अन्य कहानी संग्रह शपथ पत्र चर्चा में रहा है। दशावतार उपन्यास के अलावा उनके ‘प्यास भर पानी’,’ नौकरी’ और ‘अनंग अवतार में चार्वाक’ भी हैं। एक बाल उपन्यास “शहीद बालक” भी प्रकाशित हुआ है। उनकी अन्य पुस्तकों में ‘भाषा और भाषाई शिक्षा के बुनियादी सवाल’ ,’1857 का लोकसंग्राम और रानी लक्ष्मीबाई’, ‘आम आदमी और आर्थिक विकास’, ‘पानी में प्रदूषण’, ‘पर्यावरण में प्रदूषण’ और ‘सहरिया आदिवादी : जीवन और संस्कृति’ प्रमुख पुस्तकें हैं। उन्हें साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा सम्मान मिल चुके हैं। हिंदी के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में उनकी नियमित लेखन में निरंतरता आज भी बनी हुई है।