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करीब चार दशक के पत्रकारीय जीवन में आपका अधिकांश पत्रकारीय जीवन हिन्दी जगत में ही बीता है। आप 1972 से 1977 तक लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सानिध्य में रहे। वे बिहार में करीब सालभर जयप्रकाश नारायण के साथ रहे। विभिन्न अखबारों में विभिन्न पदों पर काम किया। जीवन के पत्रकारिता के सफर का प्रारंभिक दौर सर्वोदय प्रेस सर्विस (सप्रेस) से शुरू हुआ उसके बाद सर्वोदय प्रजानीति, आसपास, फायनेंशियल एक्सप्रेस, नईदुनिया, फ्री प्रेस जनरल, एमपी क्रॉनिकल, शनिवार दर्पण, दैनिक भास्कर, दिव्य भास्कर और फिर नईदुनिया के प्रधान सम्पादक पद तक पहुंचा। आजकल स्वतंत्र रूप से लेखन कर्म जारी है।