जीएम यानि ‘जेनेटिकली मोडीफाइड’ फसल अब फिर से चर्चा में है। यहां तक कि इसे ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण’ (फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, फसाई) अनुमति देने पर विचार कर रहा है। दूसरी तरफ, देश-विदेश...
सालभर से ज्यादा के किसानों के दिल्ली धरने में, तीन कानूनों की वापसी के बाद जिस बात का अडंगा लगा है वह ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ यानि ‘एमएसपी’ है। इसे अमल में कैसे लाया जाएगा? किन तरीकों से ‘एमएसपी’ को...
प्रधानमंत्री द्वारा कृषि संबंधी कानूनों के वापस लेने के बावजूद किसान अब भी दिल्ली घेरकर बैठे हैं तो उसकी वजह उनके अनेक बुनियादी मुद्दों के अब भी जहां-के-तहां लटके रहना है। इनमें से एक, सभी 23 फसलों पर कानूनी...
लंबे समय से जिस कानून को लेकर सड़क से लेकर संसद तक घमासान मचा हुआ था, आखिरकार उन तीन कृषि कानूनों के अंत का ऐलान हो ही गया। दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री ने...
खाद्य तेल का टोटा हमें अक्सर विदेशों से आयात की तरफ धकेलता रहता है और इसी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने हाल में खजूर के तेल (पाम-आयल) की खातिर खजूर की खेती प्रस्तावित की है। लेकिन क्या खजूर...
कैंसर सरीखी बीमारियों के व्यापक फैलाव के चलते, हमारे रोजमर्रा के भोजन में मौजूद जहर अब कोई अनजानी बात नहीं रह गई है। सवाल है, इससे कैसे निपटा जाए? एक तरीका बरसों आजमाई गई पुरानी, पारंपरिक फसलों को पुनर्जीवित...
विकास की जिस अवधारण को लेकर हम अपनी कथित प्रगति करने में लगे हैं, उसमें सभी तरह के प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी साफ दिखाई देती है। उत्तराखंड इससे अछूता नहीं है जहां थोडे समय में करीब सवा लाख हैक्टेयर...
दिल्ली की सीमाओं पर कई महीनों से धरना देकर बैठे किसानों की दो कानूनों और एक कानून में संशोधन को वापस लेने के अलावा एक महत्वपूर्ण मांग सभी 23 फसलों पर ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ लागू करने का कानून बनाने...
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से होने वाली चरम घटनाओं का कृषि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, विशेष रूप से भारत के लिए जहां अभी भी खेती की भूमि का एक बड़ा हिस्सा मानसून की बारिश पर निर्भर है। भारत...
विकास के मौजूदा ढांचे में भूमि सर्वाधिक कीमती जिन्स मानी जा रही है, पूंजी और कारपोरेट हितों ने उस पर अधिक-से-अधिक कब्जा भी जमा लिया है, लेकिन क्या इस तरह से हम अपनी भोजन की बुनियादी जरूरतों को भी...