वैकल्पिक पत्रकारिता कही जाने वाली विधा में भारत डोगरा एक जाना-माना नाम है। उन्होंने हिन्दी, अंग्रेजी के अखबारों, पत्रिकाओं में हजारों लेख और सैकडों पुस्तक-पुस्तिकाएं लिखी हैं। यह सब करते हुए, एक लेखक के रूप में उन्हें किन अनुभवों...
कविताओं, वायलिन वादन, पेंटिंग और स्मृतियों का संगम होगा अनुपम आयोजन पानी का दरख़्त इंदौर, 5 नवंबर। समकालीन हिंदी कविता के शीर्ष कवि श्री चंद्रकांत देवताले के स्मृति में उनकी कविताओं पर आधारित एक अनूठा आयोजन 'पानी का दरख़्त' उनके...
कम्प्यूटर, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मार्फत फैल रहे आभासी संसार के बावजूद बच्चों में आज भी पारंपरिक खिलौनों के प्रति उत्साह बाकी है। सरकारी आंकड़े तक इसकी तस्दीक करते हैं कि भारत ने खिलौना-बाजार में खासी बढ़त बनाई...
जन्मदिन पर याद : बातचीत भाग -2 हुसैन साहब से जब बात करते हैं तो वे लगने ही नहीं देते हैं कि आप दुनिया के किसी बहुत बड़े पेंटर से मुखातिब हैं ! ऐसा महसूस कराते हैं जैसे किसी...
आधुनिक कला गुरुओं की श्रेणी में, एक नाम जो बीसवीं सदी की भारतीय कला का पर्याय है, वह है एम.एफ. हुसैन का। उन्होंने आधुनिक भारतीय कला के लिए एक धर्मनिरपेक्ष भाषा की कल्पना की, जिसने भारत की 'सामंजस्यपूर्ण संस्कृति'...
World Book Fair 2024 Delhi विश्‍व पुस्तक मेला दर्शक संख्या की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा मेला है। इस बार मेले का क्षेत्रफल 50,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में विस्तृत कर दिया है। इसमें 40 से ज्यादा देशों के 2000...
आज के समय की अधिकांश समस्याएं अप्राकृतिक जीवन-पद्धति ने खडी की हैं। इसे समझने और फिर प्राकृतिक जीवन जीने के लिए कुछ व्यक्तियों, संस्थाओं की पहल काबिल-ए-गौर हैं। केरल का ‘फार्मर शेयर’ और उसके अम्ब्रोज़ कूलियत उनमें से...
‘मालवा के कबीर’ के नाम से मशहूर लोक गायक कालूराम बामनिया को पदमश्री अवार्ड से सम्मानित करने की घोषणा गणतंत्र दिवस के मौके पर की गई है। देवास जिले के टोंकखुर्द के रहने वाले कालूराम पारंपरिक निर्गुण भक्ति...
हथकरघा उद्योग आज भी रोजगार का एक कारगर साधन है, लेकिन हमारी सरकारें और उनकी नीतियां उसे अपेक्षित महत्व नहीं देतीं। नतीजे में यह उद्योग ठप्प होता जा रहा है। फिलहाल क्या हालत है, हथकरघा उद्योग की? सात अगस्त,...
पंडित कुमार गंधर्व का जन्‍मशती वर्ष पंडित कुमार गंधर्व का सौवां वर्ष 8 अप्रैल 2023 से आरंभ हो गया। शती-आयोजनों की श्रृंखला ‘कालजयी’ नाम से देश के अनेक केंद्रों में आयोजित हो रहे है। इसी ऋखंला में 29-30 जुलाई 2023...

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