चिपको आंदोलन के नेता और विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा अब नहीं रहे। वृक्षमित्र बहुगुणा का कोरोना वायरस के चलते निधन हो गया।
चिपको आंदोलन के नेता और विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा अब नहीं रहे। आज उन्होंने एम्स में...
बहुत सीमित संसाधनों में भी जीवन निर्वाह हो सकता है, यह भाई जी से सीखा जा सकता है। दो खादी के झोलों में दो जोड़ कपड़े, एक टाइपराइटर, डायरी, कुछ किताबें, कागज और पोस्टकार्ड यही उनका घर था। हमेशा...
ऐसे समय में जब देश व प्रदेश के अधिकांश मीडिया संस्थान सदी के अप्रतिम गायक कुमार गंधर्व को उनके सौवें जन्म दिन पर लगभग विस्मृत कर चुके हो, उन्हें बेहद निजी रूप से याद करना एक कमाल ही है।...
लेखन, पत्रकारिता, जनांदोलन, जनहित की पैरवी जैसे कामों की वजह से प्रसिद्ध, गोवा के क्लॉड और नोर्मा अल्वारिस किताबों की अपनी दुकान ‘अदर इंडिया बुक स्टोर’ के कारण भी सामाजिक, गैर-दलीय राजनीतिक और एनजीओ बिरादरी में पहचाने जाते हैं।...
96 वर्षीय गांधीवादी, स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री सुमनताई का निधन
सेवाग्राम, 3 मई । गांधीवादी, स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री सुमनताई का आज 3 मई 21 (सोमवार) को कस्तूरबा अस्पताल में निधन हो गया। वे 96 वर्ष...
एक सौ पंद्रह वर्ष पुरानी गुजराती साहित्य परिषद गुजराती साहित्यकारों की संस्था है, जिसका अपना वैचारिक वजूद है। हाल ही में जाने-माने साहित्यकार और पत्रकार प्रकाश शाह को गुजराती साहित्य परिषद का अध्यक्ष चुना गया है। श्री शाह ने...
गांधीवादी, समाजकर्मी शोभना रानाडे का 99 वर्ष में निधन
पुणे, 4 अगस्त। गांधीवादी विचारों की प्रचारक, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता, दूरदर्शी गांधीवादी, पद्मभूषण श्रीमती शोभना रानडे का 4 अगस्त 24 को प्रातः पुणे में निधन हो गया। पूना में जन्मीं शोभना...
एम्स ऋषिकेश में भर्ती कोविड उपचाररत पर्यावरणविद् एवं चिपको आंदोलन के प्रणेता सुन्दरलाल बहुगुणा की हालत स्थिर बनी हुई है। उनका आक्सीजन लेबल 96 प्रतिशत है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के कोविड वार्ड में भर्ती पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा...
सप्रेस के संस्थापक संपादक : महेंद्र कुमार 18 वां पुण्य स्मरण
सप्रेस संस्थापक संपादक, वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक, सर्वोदयी सिद्धान्त के पोषक, वैकल्पिक विकास के एवं कार्यकर्ताओं के हितैषी, जन आन्दोलनों के समर्थक, रचनात्मक पत्रकारिता के सशक्त हस्ताक्षर महेंद्रकुमार जी ने...
जिस तेजी से शहरों के विकास हो रहे हैं, उसने नगर-नियोजन की अहमियत कई गुना बढ़ा दी है। इसमें उस आबादी का खास महत्व है जो आसपास के गांव-खेडों से रोजगार की आस में शहरों की तरफ खिंची चली...