गणतंत्र दिवस पर इस साल लोक-कलाकार श्रीमती भूरी बाई को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। कोई पचास साल पहले ‘लिखमा जोखारी’ ने भूरीबाई के नाम के आगे 'चित्तरकाज' लिखा था जिसे भूरीबाई दिनों-दिन बढ़ती लगन से करती जा...
मधुरानी की गायकी के मुरीद लोगों की सूची बहुत लंबी है। इंदिरा गांधी और डॉ जाकिर हुसैन इन्हें खूब सुनते थे। उनके एलबम 'इंतज़ार' में दिलीप कुमार ने अपनी आवाज दी है। मुम्बई में जब इसकी रिकॉर्डिंग चल रही...
सप्रेस के संस्‍थापक संपादक : महेंद्र कुमार 18 वां पुण्‍य स्‍मरण सप्रेस संस्थापक संपादक, वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक, सर्वोदयी सिद्धान्त के पोषक, वैकल्पिक विकास के एवं कार्यकर्ताओं के हितैषी, जन आन्दोलनों के समर्थक, रचनात्मक पत्रकारिता के सशक्त हस्ताक्षर महेंद्रकुमार जी ने...
सतत विश्वसनीयता खोते मीडिया के इस जमाने में यह जानना दिलचस्प हो सकता है कि वन-संरक्षण के ‘चिपको आंदोलन’ को उन दिनों की ख्यात साप्ताहिक पत्रिका ‘दिनमान’ और उसके अनुपम मिश्र जैसे लेखक क्या और कैसी ऊर्जा देते थे।...
जनवादी कवि मंगेलश डबराल हमेशा हमारे बीच में रहेंगे प्रस्‍तुति : कुमार सिध्‍दार्थ 9 दिसंबर । वरिष्ठ कवि-लेखक और पत्रकार मंगलेश डबराल का हमारे बीच न रहना साहित्यिक और पत्रकारिता जगत की बडी क्षति है। मंगलेश डबराल समकालीन हिंदी कवियों में...
ध्‍यान से देखें तो आजादी के बाद से ही गांधी और उनके बाद विनोबा ने लगातार हमारे विकास की बातें की हैं। ये बातें सम-सामयिक सत्‍ता-प्रतिष्‍ठानों को कभी नहीं सुहाई और नतीजे में अब हम विकास को विनाश की...
विनोबा भावे गांधीजी की परंपरा में आते हैं। विनोबाजी का जीवन अपने आप में त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति था। उनके ’भूदान आंदोलन’ ने देश के हजारों लोगों को भूमि दिलाकर जीने का साधन उपलब्ध कराया। एक व्यक्ति से...
चित्रकार, लेखक दिलीप चिंचालकर का पार्थिव शरीर पंचतत्‍व में लीन 14 नवंबर। एक मौन चित्रकार, पत्रकार, जिंदगी के कैनवास को खूबसूरत रंगों से सजाने संवारने वाले, प्रकृति सेवक और अपनी मौज में जीने वाले दिलीप चिंचालकर का पार्थिव शरीर...
4 नवंबर : पुण्य तिथि पर विशेष प्रभाष जोशी की परंपरा सिर्फ लोकभाषा में एक अच्छा अखबार निकालने की ही नहीं है। वे एक उच्च कोटि के कम्युनिकेटर हैं और अपने समाज के हितैषी और चिंतक। विवादों के बावजूद...
31 अक्टूबर : सरदार पटेल की 145वीं जयंती भारत छोड़ो आंदोलन में अनेक राष्ट्रभक्तों ने अपने अपने ढंग से इस पवित्र यज्ञ में अपनी आहुति दी थी। इनमें सरदार वल्लभभाई पटेल ऐसा नाम है,जिसने गोरी हुक़ूमत को अपने तेवरों...

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