कल्पना मेहता की याद में महिला अधिकारों की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाली, सभी जन संघर्षों की सक्रिय साथी, नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथ हमेशा खड़ी रहने वाली वर्षों की साथी कल्पना मेहता का 27 मई 20 की शाम...
गांधी जी की 150 वीं जन्मशती मनाते देश में श्रमिक, कारीगर, किसान और न जाने कितने लोग ठगे से अपने घरों और गांवों की ओर भागते नजर आ रहे हैं। आज हमारे बीच गांधीजी तो नहीं हैं, किन्तु गांधी...
हमारे समय,खासकर आजादी के बाद के इतिहास में जयप्रकाश नारायण का होना एक महत्वपूर्ण पडाव की तरह है। सत्तर के दशक में ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ आंदोलन की अगुआई करते हुए उन्होंने पहली बार तत्कालीन राजसत्ता को चुनौती दी थी और...
किसी व्यक्ति की महानता उसके समय, परिवेश और परिजनों पर भी निर्भर करती है। महात्मा गांधी को भी अपने सबसे बड़े भाई से ऐसा साथ, सहयोग, सहायता मिलती रही। बुलन्द इमारत पर रीझना स्वाभाविक है, लेकिन नींव की वे...
गांधी विचार को लेकर बरसों-बरस होशंगाबाद के निटाया गांव में सक्रिय रहे स्व. श्री बनवारीलाल चैधरी के अनेक अनूठे प्रयासों में से एक था-अपने युवा कार्यकर्ताओं की ‘पीठ ठौंकने’ के दर्जे का सम्मान करना। हर साल सामाजिक...
जयप्रकाश नारायण जन्मदिन : 11 अक्‍टूबर हमारे देश में सत्तर का दशक भारी उथल-पुथल का रहा है। इन्हीं दस सालों में नक्सलवाद पनपा, बांग्लदेश की लड़ाई हुई, बिहार में 'सम्पूर्ण क्रांति' और गुजरात में 'नवनिर्माण' आंदोलन खड़े हुए, पहली बार...
11 सितंबर : विनोबा जयंती पर विशेष आज साम्प्रदायिक विद्वेष और उससे उत्पन्न हिंसा देश की सर्वाधिक गंभीर समस्या है। मंदिर-मस्जिद विवाद या ऐसे अन्य मसलों से साम्प्रदायिकता पैदा नहीं होती बल्कि साम्प्रदायिक भावना के कारण ये मसले पैदा होते...
11 सितंबर : विनोबा जयंती पर विशेष हर महापुरूष का सोचने-विचारने और चिंतन का अपने निराला ढंग होता है। अपने चिंतन का जो नवनीत अपने जीवनकाल में वे समय-समय पर समाज का परोसते हैं-वह समाज-जीवन में चल रहे व्यवहार के...
डॉ.कुमारप्पा अहिंसक अर्थव्यवस्था के जबरदस्त पैरोकार थे। गांधीजी के ग्रामोद्योग व ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विचारों को उन्होंने सबसे अच्छे ढंग से संप्रेषित किया। आजादी बाद भी उन्होंने सरकार को इस दिशा में कार्य करने की सलाह दी थी। गांधी जी...

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