कोरोना की त्रासदी के बीच इससे ज़्यादा तकलीफ़ की बात और क्या हो सकती है कि सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े चारणों की तात्कालिक चिंता, मौतों पर नियंत्रण की कम और प्रधानमंत्री की गिरती साख को थामे रखने की ज़्यादा...
चिंता का मुद्दा यहाँ यह है कि स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में उपजी मौजूदा आपातकालीन परिस्थितियों में जब देश का प्रत्येक नागरिक साँसों की लड़ाई लड़ रहा है, तब क्या न्यायपालिका को एक दिन के लिए भी अवकाश...
इस कठिन समय में इस्तीफ़े की मांग करने की बजाय देश का नेतृत्व करते रहने के लिए प्रधानमंत्री को इसलिए भी बाध्य किया जाना चाहिए कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी अपने स्थान पर किसी और विकल्प की स्थापना के...
दुनिया भर की नज़रें यह देखने के लिए अब भारत पर और ज़्यादा टिक जाएँगी कि अपने जीवन में किसी भी तरह की पराजय स्वीकार नहीं करने वाले नरेंद्र मोदी बंगाल के सदमे को किस अन्दाज़ में प्रदर्शित करते...
देश और दुनिया की बदलती हुई परिस्थितियों में नागरिकों के लिए अब ज़रूरी हो गया है कि वे अपने नायकों की राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से अलग उनके/उनमें मानवीय गुणों और संवेदनाओं की तलाश भी करें। ऐसा इसलिए कि अब जो...
स्मृति शेष : डॉ. सुरेश मिश्र
चौरासी साल का एक भरा-पूरा बेहद सम्पन्न जीवन गुजारने वाले सुरेश मिश्र को कैसे याद रखा जा सकता है? उनका एक बड़ा गुण था - सभी के प्रति ढेर सारा स्नेह। यह स्नेह उन...
व्यवस्था के प्रति लोगों का यकीन समाप्त होकर मौत के भय में बदलता जा रहा है। सबसे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो तब होगी जब ज़िम्मेदार पदों पर बैठे हुए लोग सांत्वना के दो शब्द कहने के बजाय जनता में...
गरीबी कोई दबी-छिपी, अर्थशास्त्रियों के अबूझ आंकडों भर की बात नहीं रही है। देशभर में अचानक बेरोजगार हुए ग्रामीण मजदूरों ने कठिन हालातों में, पैदल अपने-अपने गांव-देहात लौटकर सबको गरीबी और भुखमरी के दर्शन करवा दिए थे। ऐसे में...
इस समय हमारे शासक अपने ही नागरिकों से हरेक चीज़ या तो छुपा रहे हैं। धोखे में रखा जा रहा है कि किसी भी चीज़ की कोई कमी नहीं है। वैक्सीन, ऑक्सिजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, अस्पतालों में बेड्स, डाक्टर्स आदि...
बंगाल चुनाव : त्वरित टिप्पणी
चुनाव-परिणामों से उपजने वाली चिंता हक़ीक़त में तो यह होनी चाहिए कि क्या ममता के हार जाने की स्थिति में पहले नंदीग्राम और फिर बंगाल के दूसरे इलाक़ों में मिनी पाकिस्तान चिन्हित किए जाने लगेंगे?...