‘सरदार सरोवर’ निर्माण के दौरान जो सब्जबाग दिखाए गए थे उनमें पेयजल, सिंचाई और निस्तार के लिए भरपूर पानी का वायदा अव्वल था। आज करीब छह दशक बाद इस वायदे की हकीकत क्या है? सदानीरा नर्मदा के लगभग किनारे...
नर्मदा के विशेष सम्‍मेलन में पर्यावरण विशेषज्ञों व जानकारों का मतंव्‍य बड़वानी 8 जून । नर्मदा घाटी : आज और कल की चुनौतियां विषय पर नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा बड़वानी में बुधवार (7 जून) को आयोजित विशेष सम्‍मेलन में नर्मदा...
नदियों पर अनुसंधान के लिए एक संस्थान बनाने की मांग भोपाल, 30 मई । जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एन.ए.पी.एम) ने मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में 1-2 अप्रैल, 2023 को सम्‍पन्‍न हुए राष्ट्रीय जल-जंगल-जमीन और 'विकास' सम्मेलन में पारित...
करीब चार दशकों के लंबे अनुभव में ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ को अपनी सफलता-असफलता के सवालों का सामना करते रहना पडा है। एक तरफ घाटी में प्रस्तावित बांध बनते रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ आंदोलन, अपनी स्थानीय, सीमित ताकत और...
आज के विकास की मारामार में सरकारें और कंपनियां उन कानूनों तक को अनदेखा कर रही हैं जिन्हें बाकायदा संसद में पारित किया गया है। इन कानूनों के मैदानी अमल के लिए बनाए जाने वाले नियमों में, मूल कानून...
विकास के नाम पर आजकल जिस तरह के धतकरम जारी हैं उनसे चहुंदिस बर्बादी और विनाश ही उपजता दिखाई दे रहा है। इन दिनों उत्तराखंड का ऐतिहासिक नगर जोशीमठ इसी विकास की चपेट में कराह रहा है। ऐसे में...
नर्मदा घाटी में संवाद यात्रा का आरंभ जीवन नगर 15 सितंबर। "नर्मदा बचाओ आंदोलन ने सही विकास की नई परिभाषा देश, दुनिया को दी है। एक लोकतांत्रिक, अहिंसक आंदोलन का आदर्श निर्माण किया है। हम नक्सलवाद को नहीं मानते, लेकिन...
पिछले पांच साल में बिना बिजली खरीदे वि़द्युत कम्पनियों को बतौर फिक्स चार्ज किया 12834 करोङ़ रुपए का भुगतान परमाणु उर्जा स्वच्छ नहीं है। इसके विकिरण के खतरे सर्वविदित है। वहीं परमाणु संयंत्र से निकलने वाली रेडियोधर्मी...
विमल भाई के निधन से हिमालय की एक आवाज गुम हो गई दिल्‍ली, 15 अगस्‍त। प्रसिद्ध समाजसेवी, पर्यावरण विद, नदियों को बचाने के लिए जीवन भर संघर्ष करने वाले जुझारू नेता, राष्ट्रीय जनआंदोलनों के संगठन (एनएपीएम) के राष्ट्रीय समन्वयक विमल...
समता, न्याय और संवैधानिक अधिकारों पर मध्यप्रदेश के जनसंगठनों द्वारा भोपाल में जन सुनवाई आयोजित भोपाल, 19 जुलाई 2022। मध्य प्रदेश के करीब 24 जिलों के करीबन 50 युवा /बुजुर्गों ने किसानी, श्रमिक अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार तथा जल, जंगल,...

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