गांधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा समन्वित पांचवें कुलदीप नैयर पत्रकारिता पुरस्कार 2023 की घोषणा
नई दिल्ली, 8 नवंबर। गांधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा द्वारा संचालित एवं समन्वित पांचवां कुलदीप नैयर पत्रकारिता पुरस्कार 2023 वरिष्ठ पत्रकार, विद्वान और टीवी समाचार एंकर उर्मिलेश को...
एक तरह से देखें तो गांधी का समूचा जीवन मतभेदों से निपटते ही बीता, भले ही वे मतभेद संगी-साथियों, परिवार और धुर विरोधी विचारों के हों या फिर अपने हित साधने में लगी देशी-विदेशी सत्ताओं के। इन मतभेदों से...
अपने समय की जरूरतों के मुताबिक विशिष्ट रहन-सहन को फैशन माना जाए तो महात्मा गांधी सर्वाधिक प्रासंगिक दिखाई देते हैं। इंग्लेंड, दक्षिण-अफ्रीका और भारत के अपने भिन्न-भिन्न जीवन काल में वहां की जरूरतों के अनुसार अपना वस्त्र-विन्यास बदलने वाले...
10 अगस्त को प्रतिरोध सभा का आयोजन
वाराणसी, 1 अगस्त। गांधी-विनोवा-जेपी की ऐतिहासिक विरासत सर्व सेवा संघ की जमीन को पुनः प्राप्त करने के लिए एवं सरकार की जुल्म, ज्यादती और गैरकानूनी जबरन कब्जे एवं अलोकतांत्रिक कार्यवाई के खिलाफ आगामी...
अजमेर में राष्ट्रीय स्तरीय गांधीवादी संस्थाओं का दो दिवसीय सम्मेलन सम्पन्न
अजमेर। राजस्थान सरकार में शांति एवं अहिंसा विभाग की ओर से अजमेर में राष्ट्रीय स्तरीय गांधीवादी संस्थाओं का दो दिवसीय सम्मेलन 25 व 26 फरवरी 2023 को गांधी स्मृति...
महात्मा गांधी ने आजाद भारत के लिए कई तरह की योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों की कल्पना की थीं, लेकिन दुर्भाग्य से वे आजादी के साढे पांच महीनों में ही हम से सदा के लिए विदा हो गए। बाद में...
भारत सहित लंदन, मैक्सिको, सेनेगल, फिलीपींस एवं 25 अन्य देशों में चल रही है न्याय और शान्ति पदयात्रा
28 सितम्बर, 2021 दिल्ली। एक तरफ जहां हम भारत की 75वीं आजादी वर्षगाँठ का जश्न मना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ आज...
27 नवंबर । जाने माने गांधी विचारक एवं विसर्जन आश्रम, इंदौर के ट्रस्टी, योगाचार्य श्री किशोर गुप्ता का आज सुबह हृदयगति रूकने से निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। आज सुबह उन्हें बैचेनी महसूस होने पर नजदीक...
आज पांचवें दिन किम में पहुंची सेवाग्राम साबरमती संदेश यात्रा
22 अक्टूबर। गांधीजनों ने साबरमती आश्रम के स्वरूप में बदलाव की कोशिश के विरोध में वर्धा (महाराष्ट्र) के सेवाग्राम आश्रम से गुजरात के साबरमती आश्रम तक चल रही ‘सेवाग्राम साबरमती...
आज की राजनीतिक जमातों, उनकी उठा-पटक और सत्ता पर चढने-उतरने की उनकी कवायद के बरक्स गांधी को रखकर देखें तो क्या नतीजे निकलते हैं? क्या गांधी ने इस तरह की राजनीतिक विरासत की कल्पना भी की थी? हाल में...