हाल में कोराना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रदूषण और उसके नतीजे में होने वाले जलवायु परिवर्तन की बडी वजह ऊर्जा संयत्र हैं। वैसे भी दुनियाभर में बिजली उत्पादन...
कहा जा रहा है कि गंगा के पानी में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। सवाल यह है कि अरबों रुपये खर्च होने के बाद भी गंगा का पानी पीने लायक क्यों नहीं है ? चाहे उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री...
भारतीय उप-महाद्वीप की ज्ञान-परंपराओं में किसी भी जीवधारी की जीवन-मृत्यु पूर्व निर्धारित मानी जाती हैं, लेकिन अब आधुनिक विज्ञान भी इसे मानने लगा है। ताजा शोधों ने उजागर किया है कि प्रकृति में बेजा मानवीय हस्तक्षेप के चलते यह...
3 दिसंबर : भोपाल गैस कांड की 36 वीं बरसी
दुनियाभर में सर्वाधिक भीषण मानी जाने वाली औद्योगिक त्रासदी को 36 साल हो गए है। इस त्रासदी में मारे गए हजारों निरपराधों, अब तक उसके प्रभावों को भुगत रहे लाखों...
भोपाल गैस कांड’ : 36 वां साल
‘भोपाल गैस कांड’ का यह 36 वां साल है, लेकिन लगता नहीं कि हम उससे कुछ जरूरी सीख ले पाए हैं। मसलन - अब भी तरह-तरह के नारे, नियम-कानून और मुहीमें पर्यावरण-प्रकृति के...
आंकडे बताते हैं कि कोविड-19 महामारी के दौर में लगे लॉकडाउन में गंगा और यमुना सरीखी उसकी सहायक नदियां निर्मल हो गई थीं। इस भुलावे में रहकर कि महामारी के चलते गंगा साफ हो जायेगी, यह सवाल नागरिकों के...
इमारतों के निर्माण में रेत यानि सिलिका बहुत अहम भूमिका निभाती है, लेकिन क्या ‘जीडीपी’ में सर्वाधिक योगदान करने वाली इस गतिविधि को आम लोगों और उनके साथ पर्यावरण को उजाडने की छूट दी जा सकती है? इन दिनों...
रोजमर्रा के जीवन में उपयोग की जाने वाली प्लास्टिक से बनी मामूली नली यानि स्ट्रा हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर सकती है? क्या कम वजन के कारण ‘री-साइकल’ नहीं हो पाने से स्ट्रा प्रदूषण में इजाफा भी करती...
तरह-तरह की योजनाओं, भारी-भरकम बजट और ढेर-सारे मानव व प्राकृतिक संसाधनों को लगाने के बावजूद पर्यावरण की सफाई का जो काम बरसों से नहीं हो पाया था, उसे ‘कोविड-19’ की वजह से लगाए गए लॉकडाउन ने सफलतापूर्वक कर दिया...
कई बार ‘फिसल’ पड़ने से भी ‘गंगा-स्नान’ हो जाता है। कुछ ऐसा ही डीजल की कीमतों के पैट्रोल की कीमतों से बराबरी करने से भी हुआ है। प्रदूषण के एक बडे कारण डीजल वाहन अब घटकर पैट्रोल वाहनों से...