बाजार प्रोत्साहन में अरुचि के परिणाम स्वरूप बीमारियों के अनुसंधान में भारी कमी और असमानता है, जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा समाज की उपेक्षित आबादी को ही उठाना पड़ता है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक और संयुक्त...
‘कोविड-19’ के कारण लगे ‘लॉक डाउन’ का सर्वाधिक व्यापक और गंभीर असर उन मजदूरों पर पडा है जो गांवों की अपनी दुनिया छोडकर रोजी-रोटी की खातिर शहरों में बसे थे और अब वापस गांवों की ओर भागे जा रहे...
कोविड-19 के कारण लगे ‘लॉक डाउन’ ने हमारे ‘वस्तुओं’ के भौतिक संसार की अपर्याप्तता के साथ-साथ आंतरिक, आध्यात्मिक संसार के सतहीपन की पोल भी खोल दी है। ऐसे में कई आध्यात्मिक कहे जाने वाले लोग अवसाद, डर और दुख...
‘लॉक डाउन’ को देर-सबेर निपट जाने वाला संकट न मानते हुए इस दौर में कुछ अच्छी आदतें सीख लेना यूं तो कोई बुरा भी नहीं है, लेकिन रोजमर्रा की आम-फहम आदतों की तब्दीली कई बुनियादी सवालों की तरफ इशारा...
गांधी जी की 150 वीं जन्मशती मनाते देश में श्रमिक, कारीगर, किसान और न जाने कितने लोग ठगे से अपने घरों और गांवों की ओर भागते नजर आ रहे हैं। आज हमारे बीच गांधीजी तो नहीं हैं, किन्तु गांधी...
सुरेंद्रसिंह शेखावत
कोविड-19 से बचने के लिए लगाए गए ‘लॉक डाउन’ के तीसरे चरण में यह सवाल उठना लाजिमी है कि अब कोरोना के बाद क्या? आजादी के सत्तर सालों में हमने उद्योग, शहरीकरण और मशीनीकरण का उपयोग करके देख...
कोरोना वायरस ने इन दिनों दुनियाभर में खलबली मचा दी है। अमीर-गरीब, ऊंचा-नीचा, काला-गोरा, गरज कि हर नस्ल और फितरत के इंसान को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। इससे कैसे निपटा जाए? यह सभी को बार-बार...
कोरोना वायरस से होने वाली ‘कोविड-19’ बीमारी की मौजूदा अफरा-तफरी में भविष्य के सवाल पूछना लाजिमी है। क्या हम जैसे हैं, वैसे या उससे भी बदतर ‘वापस’ लौट आएंगे? या फिर इस दौर से सीखकर कुछ नया, बेहतर और कारगर संसार रचेंगे?
अचानक देश और दुनिया का...
आज, जब कोरोना वायरस की चपेट में आकर समूची दुनिया अपने इतिहास के पहले व्यापक वैश्विक बंद को भुगत रही है, क्या मोहनदास करमचंद गांधी याद नहीं किए जाना चाहिए? करीब सत्तर साल पहले एक सिरफिरे की गोली से संसार त्यागने...
कोरोना की महामारी ने गरीब देशों की शर्मनाक गैर-बराबरी, हिंसा और संसाधन-हीनता को उजागर कर दिया है। अब सवाल उठने लगे हैं कि पहले से बदहाल लोगों को कोरोना सरीखे संकट से कैसे बचाया जा सकता है? और क्या...