हिन्दू परम्परा में श्राद्ध-पक्ष पूर्वजों को याद करने की खातिर मनाया जाता है, लेकिन क्या हम कभी अपने आसपास की प्रकृति के पूर्वजों का भी स्मरण कर पाते हैं? रोटी, कपडा और मकान की बुनियादी जरूरतों के लिए...
इतिहास में दशक की एक महत्वपूर्ण घटना की तरह दर्ज हरसूद का ‘संकल्प मेला’ समाप्त हो गया और उसी के साथ नए हरसूद या छनेरा में तब्दील हो गया वह हरसूद जो अपनी जीवन्तता, संघर्ष और आपसी भाई-चारे के...
पिछले दिनों मध्यप्रदेश में नर्मदा की मुख्य धारा पर बनने वाली ’श्रीमहेश्वर जल-विद्युत परियोजना’ से किया गया राज्य सरकार का विक्रय-समझौता रद्द कर दिया गया है। वजह वे ही बताई जा रही हैं जिन्हें दो-ढाई दशक से डूब-क्षेत्र के...
महात्मा गांधी : 150वां जयंती वर्ष
गांधी की ज़रूरत के प्रति एक ईमानदार अभिव्यक्ति की पहली शर्त ही यही है कि हम इन हिंसक आत्मघाती दस्तों का अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीक़ों से प्रतिकार करने के लिए अपने शरीरों के...
पुण्य स्मरण : 24 जुलाई
देश में जन-विज्ञान के क्षेत्र में आने वाले बहुत कम ही लोग हैं जो समाज में फैले अंध-विश्वासों को विज्ञान की कसौटी पर परख सकें, लोगों को जागरूक कर सकें। ‘कोरोना-काल’ के ऐसे दौर में...
अभी यह भी साफ़ किया जाना बाक़ी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता सिर्फ़ अफगानिस्तान की ज़मीन का आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देने तक ही सीमित है या लोकतंत्र की बहाली के लिए वहाँ चल...
बड़े बांधों के घोषित उद्देश्यों में जल-विद्युत और सिंचाई के बलावा बाढ़-नियंत्रण भी शामिल है, लेकिन देशभर में कहीं बांधों से बाढ़ को नियंत्रित करने का कोई ठोस उदाहरण सामने नहीं आया है। मध्यप्रदेश में जहां नर्मदा और उसकी...
30 मई : हिन्दी पत्रकारिता दिवस
हिंदी पत्रकारिता का इतिहास एक माने में राष्ट्रीय चेतना की विकास गाथा है। स्वतन्त्रता के बाद हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में नए आयाम स्थापित हुए और समाचार पत्रों में विषय वैविध्य...
डॉ. एस. एन. सुब्बराव पर केन्द्रित वेबीनार श्रृंखला में राजगोपाल पीवी
मौजूदा दौर में कुछ लोगों में से भाई जी यानी डॉ. एस. एन. सुब्बराव एक हैं, जिन्होंने गांधीजी को देखा और उनके आंदोलन में भाग लिया। भाई जी ने...
राजनीति से रुसवाई की एक और कमजोरी अपने समाज को कम-से-कम जानने के रूप में उभरती है। यह जानना दिलचस्प हो सकता है कि अधिकांश ‘एनजीओ’ अपने आसपास रहने, गुजर-बसर करने वाले समाज को न्यूनतम जानते हैं। समाज-कार्य में...