पुण्य स्मरण : 24 जुलाई
देश में जन-विज्ञान के क्षेत्र में आने वाले बहुत कम ही लोग हैं जो समाज में फैले अंध-विश्वासों को विज्ञान की कसौटी पर परख सकें, लोगों को जागरूक कर सकें। ‘कोरोना-काल’ के ऐसे दौर में...
बच्चों में चिंता, चिडचिडाहट और अवसाद के मामले बढ़ रहे हैं, और इन मनोदशाओं से निपटने के बड़े और छोटे बच्चों के तरीके अलग-अलग हैं| कई छोटे बच्चों में अनावश्यक चिडचिडाहट देखी जा रही है और ऐसे में वे...
क्या पत्रकार होना न होना भी पत्रकारिता जगत की वे सत्ताएँ ही तय करेंगी जो मीडिया को संचालित करती हैं, जैसा कि अभिनेता के रूप में पहचान स्थापित करने के लिए फ़िल्म उद्योग में ज़रूरी है ?अगर आप सुशांत...
‘सिविल सोसाइटी’ के बढ़ते ‘संस्थानीकरण’ के दौर में काम को ‘सुव्यवस्थित’ रूप से करने का चलन बढ़ा है। इसका अर्थ यह है कि ‘सिविल सोसाइटी’ अब एक सुरक्षित माहौल में काम करना चाहती है, पर दबे-कुचलों की आवाज़ उठाना...
देशभर में आए दिन पुलिस वालों के कारनामे उजागर होते रहते हैं और यदि बवाल न मचे तो ठंडे भी पड जाते हैं, लेकिन क्या पुलिस की मौजूदा बनक में ये कारनामे कोई अजूबा माने जा सकते हैं? क्या...
राजनीति से रुसवाई की एक और कमजोरी अपने समाज को कम-से-कम जानने के रूप में उभरती है। यह जानना दिलचस्प हो सकता है कि अधिकांश ‘एनजीओ’ अपने आसपास रहने, गुजर-बसर करने वाले समाज को न्यूनतम जानते हैं। समाज-कार्य में...
जन्म दिवस (20 जुलाई) स्मरण प्रसंग
प्रोफेसर जी डी अग्रवाल गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए प्रतिबद्ध संत थे. उन्हें स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के नाम से भी जाना जाता था. आईआईटी का यह एक प्रोफेसर था, जिसे...
घुमावदार लोकतंत्र के रेत में से तेल निकालने वाले बिन पेंदी के महारथी विधायक जब इस्तीफा देकर मंत्री बन कर दोबारा चुनाव में आते हैं तो अपनी विचारधारा में परिवर्तन के ऐसे-ऐसे कुतर्क जनता के सामने रखते हैं, की...
शिक्षा अकादमिक विषयों की पढ़ाई तक सीमित होकर रह गयी है| खेल-कूद, और हॉबी क्लासेज के लिए ऑनलाइन पढ़ाई में कोई जगह नहीं रह गयी है| अब बच्चा संगीत कैसे सीखेगा बच्चा, खेल-कूद की बारीकियां कहाँ से सीखेगा, पेंटिंग...
आजकल हमारे रोजमर्रा के जीवन में सुबह की सैर एक जरूरी क्रिया हो गई है, लेकिन क्या इसी घुमक्कडी को जीवन के व्यापक आनंद और ज्ञानार्जन में तब्दील किया जा सकता है ? संत विनोबा और आदि शंकराचार्य...