धर्म संसद जैसे आयोजनों से उठने वाली आवाज़ें मोदी के नेतृत्व वाले भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तो क्षति पहुँचा ही रही है, देश के भीतर भी भाजपा की ताक़त को कमजोर कर रही है। योगी के...
आए दिन आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिस और तरह-तरह के सुरक्षा बल आम निरपराध नागरिकों को प्रताडित करने, उन पर बेवजह गोली चलाने और उन्हें गिरफ्तार करने के आरोपों का सामना करते रहते हैं। ऐसे में क्या उन्हें...
हमारे देश में वायु-प्रदूषण के साथ-साथ जल एवं शोर-प्रदूषण तथा कृषि के रसायन भी शिशुओं तथा नवजात को प्रभावित कर रहे हैं। बच्चों को कुपोषण तथा अल्पपोषण की स्थिति इन सभी प्रभावों को ज्यादा गंभीर बना देती है। कुछ...
हम एक बार फिर दीपावली से रूबरू हैं। हमारे भीतर का लॉक डाउन अभी भी जारी है। ’न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट पर यक़ीन करना हो तो भारत में (सरकारी दावे 4.58 लाख के मुक़ाबले) कोरोना के मृतकों की...
दीपावली पर विशेष पहले जिन पटाखों की पूछ-परख पर्व-त्यौहारों पर ही होती थी, आजकल उन्हें आए दिन फोडने के अवसर खोजे जाने लगे हैं। क्या हमारे समाज में इन पटाखों की अहमियत पहले भी ऐसी ही थी? क्या लंका से...
पिछले कुछ सालों में भोजन के बाजार ने भूख को किनारे कर दिया है। आजादी के बाद की तीखी भुखमरी के बरक्स हमने उत्पादन तो कई-कई गुना और इतना अधिक बढा लिया है कि पैदावार के भंडारण की समस्या...
अभी यह भी साफ़ किया जाना बाक़ी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता सिर्फ़ अफगानिस्तान की ज़मीन का आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देने तक ही सीमित है या लोकतंत्र की बहाली के लिए वहाँ चल...
विकास की जिस अवधारण को लेकर हम अपनी कथित प्रगति करने में लगे हैं, उसमें सभी तरह के प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी साफ दिखाई देती है। उत्तराखंड इससे अछूता नहीं है जहां थोडे समय में करीब सवा लाख हैक्टेयर...
भारत में यह मानसून का मौसम है और इसी दौर में जगह-जगह बिजली गिरने की घटनाएं होती रहती हैं। बारिश के दौरान आसमानी बिजली गिरने से देश में हर साल 3,000 से अधिक मौतें होती हैं। अभी हाल ही...
राजनीतिक दांव-पेंच से दूर सारे मोर्चों पर एक साथ काम शुरू हो, सामाजिक व्यवस्थाएं अस्पतालों पर आ पड़ा असहनीय बोझ कम करें, युद्ध-स्तर पर वैक्सीन लगाई जाए तो कोरोना की विकरालता कम होने लगेगी। जानकार कह रहे हैं कि...

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