बड़े बांधों के घोषित उद्देश्‍यों में जल-विद्युत और सिंचाई के बलावा बाढ़-नियंत्रण भी शामिल है, लेकिन देशभर में कहीं बांधों से बाढ़ को नियंत्रित करने का कोई ठोस उदाहरण सामने नहीं आया है। मध्‍यप्रदेश में जहां नर्मदा और उसकी...
देश का पूरा ध्यान एक अभूतपूर्व संकट से सफलतापूर्वक भटका दिया गया है। चालीस सालों में पहली बार इतना बड़ा आर्थिक संकट, करोड़ों लोगों की बेरोज़गारी, महामारी से प्रतिदिन संक्रमित होने वालों के आँकड़ों में दुनिया में नम्बर वन...
सवाल है कि क्‍या आज की बदहाली के लिए, खासतौर पर भारत में, लघु और विशाल के बीच का द्वंद्व ही जिम्‍मेदार है? क्‍या आजादी के बाद गांधी के लघु और उपयुक्‍त को नजरअंदाज कर बनाई गई ‘बिगेस्‍ट इन...
कोरोना ने नागरिकों की जीवन पद्धति में सरकारों की सेंधमारी के लिए अधिकृत रूप से दरवाज़े खोल दिए हैं और इस काम में सोशल मीडिया का दुनिया भर में ज़बरदस्त तरीक़े से उपयोग-दुरुपयोग किया जा रहा है। महामारी...
अमेरिकी राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रम्‍प की कुछ महीने पहले की भारत-यात्रा से परवान चढ़ी भारत-अमेरिकी के बीच खुले व्‍यापार समझौते की बातचीत, अब लगता है, अपनी मंजिल तक पहुंचने वाली है। लेकिन क्‍या यह समझौता भारत सरीखे तीसरी दुनिया के देश के...
डॉ. एस. एन. सुब्बराव पर केन्द्रित वेबीनार श्रृंखला में राजगोपाल पीवी मौजूदा दौर में कुछ लोगों में से भाई जी यानी डॉ. एस. एन. सुब्बराव एक हैं, जिन्होंने गांधीजी को देखा और उनके आंदोलन में भाग लिया। भाई जी ने...
इतिहास में दशक की एक महत्‍वपूर्ण घटना की तरह दर्ज हरसूद का ‘संकल्‍प मेला’ समाप्‍त हो गया और उसी के साथ नए हरसूद या छनेरा में तब्‍दील हो गया वह हरसूद जो अपनी जीवन्‍तता, संघर्ष और आपसी भाई-चारे के...
ख्‍यात वकील प्रशांत भूषण पर सुप्रीमकोर्ट द्वारा ‘सुओ मोटो’ यानि अपनी पहल पर अवमानना का प्रकरण दर्ज करने और उस पर सुनवाई करके उन्‍हें दोषी करार देने ने देशभर में बवाल खडा कर दिया है। इसमें एक तरफ आजादी...
20 अगस्त’ : ‘नेशनल साइंटिफिक-टेम्पर दिवस’ श्याम बोहरे कई घटनाओं को देखकर हमारे मन में कई सवाल उठते होगें। उन सवालों को दबाने की बजाय उन पर और विचार करना, उन्हें और विकसित होने देना और उनसे सीख पाना एक तार्किक तरीका है जो हमें...
बेबाक टिप्‍पणी एक प्रवक्ता की मौत से उपजी बहस का उम्मीद भरा सिरा यह भी है कि चैनलों की बहसों में जिस तरह की उत्तेजना पैदा हो रही है वैसा अख़बारों के एक संवेदनशील और साहसी वर्ग में (जब तक...

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