विविधता और मान्यताएं भारतीय संस्कृति के पर्याय है। होली के दिन हर गली और हर घर रंगों में सराबोर नजर आता है। हर रंग का महत्व होता है। भारत में हर अवसर और पल के लिए एक रंग है।...
तुलसी-कृत ‘रामचरित मानस’ के ‘किष्किंधा कांड’ में अनूठा प्रकृति चित्रण करते हुए तुलसी बाबा ‘दामिनी’ यानि तडित या बिजली का वर्णन भी करते हैं। क्‍या है यह, ‘दामिनी?’ मानसून के मौसम में गिरती बिजली देखना आम बात है, लेकिन...
मुद्दा यह भी है कि नीतीश के ख़िलाफ़ नाराज़गी कितनी ‘प्राकृतिक’ है और कितनी ‘मैन्यूफ़्रैक्चर्ड’ ।और यह भी कि भाजपाई शासन वाले राज्यों के मुक़ाबले बिहार की स्थिति कितनी ख़राब है ?किसी समय मोदी के मुक़ाबले ग़ैर-कांग्रेसी विपक्ष की...
‘गणतंत्र दिवस’ की 26 जनवरी पर पुलिस, प्रशासन और आंदोलनकारी किसानों के नेतृत्व के कतिपय हिस्से द्वारा अपनी-अपनी वजहों से की गईं गफलतों ने हिंसा और अराजकता का अप्रिय माहौल बना दिया था। लगने लगा था कि आजादी के...
एक ठीक दर्शक या पाठक की तरह आंख-कान खोलकर देखें तो अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों जैसे तबकों को मीडिया में मिलने वाली नगण्‍य सी जगहें साफ देखी जा सकती हैं। विडंबना यह है कि हमारी कुल आबादी में...
इस बात से संदेह दूर हो जाना चाहिए कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के ज़रिए राहुल ने 137-वर्षीय पुरानी कांग्रेस को अब अपने अस्तित्व के लिए पूरी तरह से अपने ऊपर निर्भर कर दिया है। वे कांग्रेस के नरेन्द्र मोदी...
आज के समय का एक बडा संकट जलवायु-परिवर्तन और पर्यावरण-विनाश है जिससे निपटने की तजबीज खोजने में दुनियाभर के ज्ञानी अहर्निश लगे हैं। क्या इस संकट से हम अपनी ठेठ देशी पद्धतियों की मार्फत नहीं निपट सकते? आज की...
साढे सात दशक पहले बरसों की गुलामी से आजाद हुए भारत को क्या पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसा प्रधानमंत्री ही चहिए था? उनके करीब 17 साल के कामकाज को देखें तो यह सचाई खुलकर उजागर हो जाती है कि आधुनिक...
सेवा सुरभि द्वारा गांधी जयंती की पूर्व बेला में गांधीवादी चिंतक कुमार प्रशांत का व्याख्यान इंदौर, 29 सितम्बर। जहां कहीं हिंसा, अन्याय, अत्याचार एवं शोषण होता है, वहां लोग गांधी की तस्वीर लेकर विरोध करते हैं, क्योंकि गांधी ने हमेशा...
74वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर विशेष देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वाधीनता आंदोलन के नेताओं के सपनों और आकांक्षाओं का अत्यंत सारगर्भित वर्णन अपने प्रसिद्ध भाषण (ए ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी) में किया था। उन्होंने कहा था ‘जिस...

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