राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने ‘एक दिन के डिक्टेटर’ बनने पर जिस शराब को पूरी तरह प्रतिबंधित करने के मंसूबे बांधे थे, वही शराब सरकारों की राजस्व उगााही का बडा स्रोत बन गई है। शराबबंदी का मुद्दा उभरते ही...
यूपी में जो कुछ भी चल रहा है क्या उसे 2024 की तैयारियों के साथ जोड़कर भी देखा जा सकता है ? अगर ऐसा ही है तो आने वाले दिनों में और भी काफ़ी कुछ देखने-समझने की तैयारी रखना...
पिछले कुछ दिनों से देश भर में पेंशन को लेकर भारी मारामारी मची है। हिमाचलप्रदेश जैसे राज्यों में तो यह मसला चुनाव हराने-जिताने की गारंटी तक हो गया था। क्या है, इसके पीछे की कहानी? और क्या पेंशन की...
‘मोदी’ सरनेम को लेकर दायर किए गए मानहानि के मुक़दमे के एक रुके हुए फ़ैसले ने चौबीस घंटों के भीतर ही एक सौ चालीस करोड़ लोगों के देश की राजनीति को आगे आने वाले सालों के लिए हिलाकर रख...
लगभग सौ साल पहले महात्मा गांधी ने ‘नमक सत्याग्रह’ के दौरान लोकतंत्र की जो उद्घोषणा की थी, आज राहुल गांधी को दी गई सजा और उसके निहितार्थों ने उसकी याद दिला दी है। आखिर राहुल गांधी का दोष क्या...
केन्द्र की सत्ता पर काबिज पार्टियों की मनमर्जी से मनचीते चुनाव आयुक्तों की बहाली पर अब सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले से रोक लगने की संभावना है,लेकिन क्या यह मौजूदा राजनीतिक जमातों के चलते संभव होगा? क्या बेलगाम...
जगदीप एस. छोकर
हाल के वर्षों में चुनाव, खासकर संसद और विधानसभाओं के चुनाव भारी-भरकम पूंजी की दम पर लडे जाने लगे हैं। यह पूंजी ‘इलेक्शन बांड’ की मार्फत राजनीतिक दलों तक पहुंचती है। अलबत्ता, ‘भारतीय स्टेट बैंक’ से बेचे...
देश-हित में राहुल की यात्रा का योगदान यह माना जा सकता है कि नागरिक सत्तारूढ़ दल और उसके आनुषंगिक संगठनों के उग्रवादी कार्यकर्ताओं से कम डरने लगेंगे। गौर किया जा सकता है कि सांप्रदायिक विद्वेष की घटनाओं में कमी...
इस बात से संदेह दूर हो जाना चाहिए कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के ज़रिए राहुल ने 137-वर्षीय पुरानी कांग्रेस को अब अपने अस्तित्व के लिए पूरी तरह से अपने ऊपर निर्भर कर दिया है। वे कांग्रेस के नरेन्द्र मोदी...
पिछले साल राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर सालभर से ज्यादा धरना-रत रहे किसानों ने सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में अब एक फिर आंदोलन का मन बनाया है। इसमें सत्तारूढ़ ‘भाजपा’ से जुडे ‘भारतीय किसान संघ’ ने अगुआई का...