हरिवंश नारायण सिंह के ‘सभापतित्व ‘में राज्यसभा का कुछ ऐसा इतिहास रच गया है कि पत्रकारिता और सत्ता की राजनीति के बीच के घालमेल को लेकर पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत पड़ गई है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश...
मौजूदा स्थितियां बता रही हैं कि अगर बेकारी एक समृद्ध अर्थव्यवस्था में आएगी तो लोगों के पास समय रहेगा और वे अपने समुदाय की सेवा और भलाई पर ध्यान देंगे। बच्चों और बूढ़ों की देखभाल करेंगे और अच्छा साहित्य...
एक भरे-पूरे राज्‍य से धारा-370 हटाने और उसे दो केन्‍द्र शासित प्रदेशों में तब्‍दील करने के ठीक एक साल बाद राम-जन्‍मभूमि के भूमि पूजन ने पांच अगस्‍त को एक ऐतिहासिक दर्जा दे दिया है। क्‍या हैं, इन दोनों घटनाओं...
इस बात की उम्मीद करना कि कांग्रेस के मौजूदा संकट का कोई सर्व सम्मत हल अगले छह महीनों में निकल आएगा कोरोना के अंतिम निदान की खोज करने जैसा है। कोरोना के ताजा मामले उन मरीज़ों के हैं जो...
प्रशांत भूषण द्वारा स्वीकार की जाने वाली सजा लोगों के मन से सविनय प्रतिकार के फलस्वरूप प्राप्त हो सकने वाले दंडात्मक पुरस्कार के प्रति भय को ही कम करेगी। जैसे महामारी पर नियंत्रण के लिए उसके संक्रमण की चैन...
इस समय कोरोना संक्रमण के दुनिया भर में प्रतिदिन के सबसे ज़्यादा मरीज़ हमारे यहीं प्राप्त होने के साथ ही सरकार को और भी ढेर सारी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इनमें चीन द्वारा लद्दाख़ में हमारे स्वाभिमान...
कांग्रेस के लिए बहुत ही नाज़ुक वक्त में एक और सरकार स्वाहा होने से बच गई पर राजस्थान की सात करोड़ जनता और देश के लिए अब कुछ ही बचे हुए नेताओं में से भी कुछ और नज़रों से...
क्या कारण हो सकता है कि आडवाणी और तमाम नेता उस श्रेय को लेने से इनकार कर रहे हैं जिसके वे पूरी तरह से हक़दार हैं ? क्या ऐसा मान लिया जाए कि बाबरी का विध्वंस एक अलग घटना...
राजस्‍थान की मौजूदा राजनीतिक उठापटक से और कुछ हो-न-हो, इतना पक्‍का है कि वहां के राजनेताओं को देशभर को हलाकान करने वाला कोरोना वायरस अस्तित्‍वहीन लगता है। गरीबी, भुखमरी और तिल-तिल कर मरता आम जीवन राजस्‍थान के राजनेताओं के...
पिछले दिनों मध्‍यप्रदेश के एक गांव में खुल्‍लमखुल्‍ला पुलिस हिंसा की जो खबरें आई हैं उसने दलितों की बदहाली, पुलिस सुधार, जमीनों की नाप-जोख में वन और राजस्‍व विभागों की लापरवाही, वनाधिकार कानून जैसे कई सवालों को खडा कर...

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