वन पंचायत संघर्ष मोर्चा की मतदाताओं, प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों से अपील
जल, जंगल, जमीन पर स्थानीय समाज के हकों के सवाल ने उत्तराखंड राज्य को जन्म दिया था, परंतु इतने संघर्षों के पश्चात राज्य में यह हक निरंतर घटते...
चाहे विधानसभाओं, संसद के चुनाव हों या जगह-जगह जारी समाजसेवा,नक्सलवाद हो या मौजूदा विकास की परियोजनाएं,आदिवासियों के बिना किसी की कोई दाल नहीं गलती। दूसरी तरफ,वे ही आदिवासी सर्वाधिक बदहाली भी भोगते हैं। देशभर में करीब आठ फीसदी आबादी...
जवाबदेही सुनिश्चित करने और हिंसाग्रस्त राज्य में शांति और न्याय की बहाली सुनिश्चित करने का अनुरोध
23 जुलाई, 2023। जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) समेत देश भर के सैकड़ों आंदोलनों और संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए करीब 3,200 से...
संसद में अपने पारित होने के करीब 26 साल बाद मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटैल ने ‘पंचायत उपबंध (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम – 1996’ यानि ‘पेसा’ को लागू करने के लिए संबंधित विभागों की सहमति मांगी है। जैसा...
आदिवासी समाज के पास खान-पान का अपना एक तंत्र है। यह अपने आप में पूर्ण है तथा इसी के चलते आदिवासी समाज शताब्दियों से स्वयं को स्वस्थ व प्रसन्न बनाए रखे हुए हैं। आधुनिक औद्योगिक खेती ने मनुष्य से...
मध्यप्रदेश में आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में नर्मदा-तट के गांव ककराना को भी, आसपास के कई गांवों की तरह, सरदार सरोवर परियोजना की डूब का सामना करना पडा था, लेकिन इलाके में सक्रिय ‘खेडूत मजदूर चेतना संगठ’ से जुडे...
आदिवासियों की जीवन शैली, उनकी परंपरागत खेती किसानी और जंगल का खानपान का अत्यधिक महत्व है। जंगलों का लगातार कटते जाने का सीधा असर लोगों की खाद्य सुरक्षा पर पड़ रहा है। आदिवासियों ने अब जंगल और खेती बचाने...
भारत में निवास कर रहा आदिवासी समुदाय ’’विकास’’ की आधुनिक अवधारणा का शिकार होकर धीरे-धीरे अपने पारंपरिक रहवास से बेदखल हो रहा है। बांध से लेकर खनन तक, समस्त परियोजनाओं की सबसे ज्यादा मार आदिवासियों पर ही पड़ती है।
पुष्पा...
जनजातीय गौरव दिवस’ (15 नवम्बर)
मध्यप्रदेश सरकार को करीब ढाई दशक पहले संसद में पारित ‘पेसा कानून’ की अब जाकर सुध आई है। पांच महीने पहले ‘पेसा’ के नियम-कानूनों का दस्तावेज तैयार करके उस पर संबंधित विभागों की राय मांगी गई,...
हूल क्रांति दिवस : 30 जून
हूल क्रांति दिवस 30 जून को मनाया जाता है। इसे संथाल विद्रोह भी कहा जाता है।‘संथाल हूल’ के नाम से झारखंड, ओडिशा, बंगाल, बिहार, असम के अलावा देश-विदेश में भी हूल दिवस मनाया जाता...