पिछले 2 महीनों से 3 लाख आबादी वाले लद्दाख की 10 प्रतिशत आबादी यानि 30 हज़ार से भी ज़्यादा लोग, अपने जल-जंगल-जमीन, पर्यावरण, अपने रोजगार और समाज और अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं! लद्दाख की 90% आबादी...
यह जानने के लिए किसी रॉकेट-साइंस की जरूरत नहीं है कि इंसानी वजूद के लिए वन और उनके साथ पर्यावरण का संरक्षण कितना जरूरी है, लेकिन सरकार से लेकर समाज तक का कोई भी तबका इसे अपेक्षित अहमियत देता...
कोरोना वायरस की भीषण चपेट में फंसी दुनिया को आखिर इससे किस तरह निजात मिल सकेगी? साफ दिखाई देता है कि इस तरह के अनेक संकटों से बचने के लिए हमें ‘कोरोना बाद’ की ऐसी बदली हुई दुनिया के...
हर साल 23 मई को विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कछुओं और दुनिया भर में उनके तेजी से गायब होते आवासों की रक्षा करना है। यह दिवस 2000 में...
कोविड-19 महामारी ने हमारे आसपास अपने गंधहीन, रंगहीन स्वरूप में मौजूद तत्व ऑक्सीजन की अहमियत उजागर कर दी है। यह ऑक्सीजन या प्राणवायु प्रकृति के जिस खजाने से मिलती है, उसकी हम कितनी परवाह करते हैं? क्या हम खुद...
पेड़-पौधों में रूचि रखने वालों वनस्पति शास्त्र के शिक्षक व विद्यार्थी तथा प्रकृति सौदर्यं को निहारने वालों के लिए नीलकुरूंजी का फूलता फूल किसी महाकुम्भ से कम नहीं है। पर्यटकों को इन फूलों की खूबसूरती को देखने के...
यह कदम सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के स्पष्ट आदेशों का उल्लंघन
बडवानी, 13 जनवरी । मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। विभाग ने हाल ही में नर्मदा नदी पर मेघनाथ...
जलसंकट और रेगिस्तानों के लिए प्रसिद्ध हमारे राजस्थान में एक गांव ऐसा भी है जहां सिर्फ पक्षियों की पूछ-परख होती है। उदयपुर के पास मेनार गांव में विकास की हर योजना पक्षियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई...
जैव-विविधता इंसानों समेत समूची सचराचर धरती के विकास में अहमियत रखती है, लेकिन उसे इंसानों से ही सर्वाधिक खतरा भी है। अपनी खाऊ-उडाऊ विकास पद्धति पर अटूट भरोसा करने वाला इंसान यह तक भूलता जा रहा है कि जैव-विविधता...
पेड़-पौधे पर्यावरण को दुरुस्त रखने के अलावा हमारे इलाज के लिए दवाएं भी मुहैय्या करवाते हैं। इन दिनों दुनिया-जहान को हलाकान करने वाली कोविड-19 बीमारी भी इसमें शामिल है। अब ऐसे अनेक उदाहरण सामने आ गए हैं जिनसे कोविड...