लोकशक्ति को जागरूक कर ही बचाया जा सकता है पर्यावरण : सम्मानित हस्तियों का वक्तव्य
रांची, 30 सितंबर। देश को खुशहाल बनाने के लिए न सिर्फ प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण करना होगा बल्कि सामाजिक और राजनीतिक प्रदूषण से भी मुक्ति के उपाय खोजने होंगे। ये बातें रांची प्रेस क्लब में सावित्रीबाई सेवा फाउंडेशन, पुणे और गोदावरी देवी फाउंडेशन, रांची के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण सेवी सम्मान समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से आए पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर कार्य करने वाली हस्तियों द्वारा दिए गए वक्तव्यों के निचोड़ के रूप में सामने आई।
वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि देश के प्राकृतिक, सामाजिक और राजनीतिक पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए नागरिकों को सरकार के भरोसे में रहने की जरूरत नहीं, बल्कि उनको अपने ही बलबूते लोक ज्ञान को अपना कर जीवनशैली को बदलने की दिशा में आगे बढ़ना होगा और लोकशक्ति को खड़ा कर उन ताकतों को ध्वस्त करने के लिए अपनी कारगर पहल करनी होगी। जो अपने लाभ के लिए पर्यावरण की बिगड़ाने में जुटे हुए है।
वक्ताओं ने चिंता व्यक्त की कि मुनाफे के लिए विनाशकारी ताकतों ने हमारे प्राकृतिक संसाधनों को तहस नहस कर दिया। देश की नदियों को प्रदूषित कर दिया है और बिना दुष्परिणाम के बारे सोचे हमने प्लास्टिक का उपयोग इतना व्यापक कर लिया है कि भारत आज दुनिया भर में सभी देशों के मुकाबले प्लास्टिक के कूड़े कचरों के उत्पादन करने वाले पहले नंबर के देश के रूप में शुमार किया जाने लगा है। हमने अपनी नई पीढ़ियों के लिए ऐसा माहौल बना लिया है जिससे विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त होंगे।
समारोह के पहले सत्र में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ , दिल्ली, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली तीस हस्तियों को सामाजिक और प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण के मनीषी अनुपम मिश्र की याद में राष्ट्रीय पर्यावरण सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मानित व्यक्तियों में घनश्याम झारखंड, निलय उपाध्याय, बिहार,सुरेश भाई उत्तराखंड, अमरनाथ पटना बिहार, कमल कश्यप दिल्ली , डॉक्टर दुर्गा दत्त पाठक चंपारण, डॉक्टर कुंदन कुमार, राम प्रकाश रवि, सुपोल बिहार, शिरोमणि कुमार भागलपुर, राजेश कुमार सुमन रोसड़ा, बिहार, निर्भय सिंह कटनी मध्य प्रदेश, राकेश कुमार, मुंगेर बिहार, इस्लाम हुसैन उत्तराखंड, प्रेमलता सिंह बिहार, प्रोफेसर डी एन चौधरी , भागलपुर, डॉ उत्तम पीयूष मधुपुर शेखर, रांची,अमित मकरंद, वैशाली, बिहार, समीर अंसारी, देवघर, संदीप कुमार शर्मा, उत्तर प्रदेश, संतोष बंसल, दिल्ली, बरखा लकड़ा, झारखंड, संजीव भगत, झारखंड,विनोद भगत झारखंड, धीरज कुमार सिंह, जमुई, संजय कुमार, पटना, प्रमोद झिंझड़े सोलापुर महाराष्ट्र, दर्शन ठाकुर उज्जैन, खेम नारायण शर्मा छत्तीसगढ़, जितेंद्र कुमार समस्तीपुर, संजय कुमार दरभंगा, नंदकिशोर वर्मा उत्तर प्रदेश, निशांत रंजन सारण शामिल हैं।
सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के शीर्षस्थ नेताओं में से राजेश ठाकुर व गंगा मुक्ति आंदोलन के प्रवर्तक अनिल प्रकाश थे। दो सत्रों में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता शिक्षविद् डॉ. अजय सिन्हा और वरिष्ठ पत्रकार अशोक वर्मा ने की। वक्ताओं में सुरेश भाई, प्रमोद झिंझाडे, डॉ. योगेंद्र, निर्भय सिंह, वशिष्ठ राय वशिष्ठ, डॉ. नवीन कुमार झा,अलका योगेंद्र, बिन्नी, अशोक कुमार, आनंद जी, कुमार कृष्णन और राकेश कुमार आदि थे।
अतिथियों का स्वागत करते हुए गोदावरी देवी फाउंडेशन की महासचिव अंजुला झा राय ने कहा कि आज यह कार्यक्रम ये संदेश देने के लिए आयोजित किया जा रहा है कि हमने अपने देश के प्राकृतिक, सामाजिक और राजनैतिक पर्यावरण का इतना नुकसान कर दिया है जिससे उबरने में सदियों लग जायेंगें। अब वक्त नहीं है कि हम किसी उद्धारकर्ता के अवतार लेने का इंतजार करें। जो भी पहल करना है उसे शुरू करें और तब तक करते रहें जब तक हम लक्ष्य को हासिल ना कर लें।
कार्यक्रम का संचालन सावित्री बाई सेवा फाउंडेशन, पुणे के अध्यक्ष प्रसून लतांत और डॉ. सुधीर मंडल ने किया। समारोह में प्लास्टिक से मुक्ति, विधवा प्रथा उन्मूलन, वृक्षरोपण, बच्चों को सही पाठ पढ़ाने और आम जनता को जगाने और उन्हें सशक्त लोकशक्ति के रूप में तैयार करने की जरूरत जताई गई।