आज़ादी के 75 साल पूरे होने पर 75 यात्रियों वाली आग़ाज़ ए दोस्ती यात्रा दिल्ली से वाघा बार्डर के लिए प्रस्‍थान

नईदिल्‍ली, 12 अगस्‍त। देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से जुटे 75 यात्री आग़ाज़ ए दोस्ती यात्रा की शुरुआत दिल्ली से वाघा सीमा के लिए करने के लिए दिल्ली में एकजुट हुए और इस यात्रा के शांति यात्रियों को दिल्ली से गणमान्य व्यक्तियों ने झंडी दिखाकर रवाना किया। हर साल आयोजित की जाने वाली इस यात्रा में इस वर्ष आज़ादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 यात्री शामिल हो रहे हैं। 

इस यात्रा के लिए संयुक्त वक्तव्य में पूर्व केंद्रीय मंत्री और गाँधी ग्लोबल परिवार के अध्यक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद , पूर्व योजना आयोग की सदस्य सईदा हमीद, गिल्ड फॉर सर्विस की अध्यक्षा मोहिनी गिरी, राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय के निदेशक अन्नामलाई एवं आयोजकों की ओर से बताया गया कि, “आज़ादी के अमृत महोत्सव , स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आगाज-ए- दोस्ती यात्रा 13 अगस्त से 15 अगस्त 2022 तक महात्मा गांधी की समाधि राजघाट से चलकर जलियाँवाला बाग़ होते हुए देश की सीमा वाघा बार्डर तक पहुँचेगी और वहाँ 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को दीप जलाकर आज़ादी का उत्सव, स्वतन्त्रता सेनानियों के प्रति सम्मान और दक्षिण एशियाई शांति एवं सदभावना का प्रतीक बनेगी।  इस यात्रा के पड़ाव में पंजाब एवं हरियाणा के बहुत से छोटे बड़े गांव, कस्बे और शहर हैं, जहां इस यात्रा में देश के विभिन्न भागों से शामिल 75 यात्री जन सम्पर्क करते हुए विश्व शांति, बंधुता एवं समानता का संदेश देंगे।“ 

यात्रा से जुडे रवि नीतिश ने बताया कि  यह यात्रा कोई पहली बार नहीं हो रही, अपितु इस तरह के अभियान का प्रारम्भ सन 1980 के दशक में प्रसिद्ध पत्रकार एवं शांतिकर्मी श्री कुलदीप नैय्यर तथा सुविख्यात गांधीवादी निर्मला देशपांडे ने किया था। जिसमें शांतिकर्मी ‘गोली नही – बोली चाहिये’ ‘जंग नही – अमन चाहिए’, ‘युद्ध नही – बुद्ध चाहिए’ के नारों के साथ सहभागी रहे  उसी अभियान की श्रृंखला में  इस यात्रा के प्रवाह को आगे बढ़ाने के लिए साथी व संगठन लगातार जुड़ रहे हैं।

भारत की आजादी का मतलब पूरे विश्व में दासता,रंगभेद,नस्लवाद एवं हर प्रकार की असमानता के विरुद्ध एक क्रांतिकारी सूत्रपात था।महात्मा गांधी ने इस अवसर पर कहा था कि भारत को आजादी इसलिए चाहिए ,ताकि वह दुनिया की सेवा कर सके। 

आज आज़ादी के मतवालों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने और सांझी संस्कृति – सांझी शहादत – सांझी विरासत के साथ मानव मूल्यों को मजबूती प्रदान करने और आने वाले भविष्य को नफरत मुक्त, हिंसा मुक्त , हथियार मुक्त रहने की कामना करते हुए, यह यात्रा चल रही हैं।

सहभागी संगठनों में मुख्‍य है – आगाज ए दोस्ती, एसोसिएशन ऑफ पीपल्स ऑफ एशिया, अखिल भारतीय रचनात्मक समाज, अखिल भारतीय शांति और एकजुटता संगठन, अंग मदद फाउंडेशन, भगत सिंह से दोस्ती मंच, भावना ग्लोबल पीस फाउंडेशन, बीबी अमर कौर मेमोरियल ट्रस्ट, द्वारका पीस सोसाइटी, ड्रॉप डेड फाउंडेशन , एलान ई इंकलाब, गांधी ग्‍लोबल फेमिली, हरिजन सेवक संघ, हाली पानीपति ट्रस्ट, खुदाई खिदमतगार हिंद, मेवात विकास सभा, राष्ट्रीय युवा योजना, नेटवर्क फार एजुकेशन, एम्‍पावरमेंट, डेवलपमेंट एंड अवेरनेस (NEEDA), मैत्री फाउंडेशन, मिशन भारतीयम, निर्मला देशपांडे संस्थान, पीपल फॉर पीस एंड चेंज, सैटरडे फ्री स्कूल, समता उत्क्रांति, सपोर्ट फार एनलाइटनमेंट फाउंडेशन, यूनाइटेड रिलिजंस इनिशिएटिव नॉर्थ इंडिया, वूमेन इनिशिएटिव फॉर पीस इन साउथ एशिया

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