भारत बिजली की कमी और कोयला संकट से जूझ रहा है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश अपने बिजली संयंत्रों को माल उपलब्ध कराने में लगातार विफल क्यों हो रहा है? केंद्र सरकार मांग में वृद्धि का अनुमान लगाने में विफल क्यों रही? कोयला उत्पादन ठप क्यों है? क्यों कई राज्य सरकारें आयात के लिए भुगतान को तैयार नहीं हैं? हम इन्ही सवालों के संदर्भ में पेश है सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी टीम व्दारा तैयार ‘हमारा पैसा हमारा हिसाब‘ का नया एपिसोड।