आज पूरा देश आर्थिक दबाव से जूझ रहा है। सरकार खुद सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की संपत्ति पट्टे पर दे रही है या बेच रही है। केवल 1 प्रतिशत सबसे अमीर लोग ऐसे हैं जो इस सब से बिल्कुल अप्रभावित है। उनकी संपत्ति पर आखिर टैक्स क्यों न लगाया जाए? देश के अति दौलतमंदों पर सिर्फ 2 प्रतिशत वार्षिक कर। पेश है सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी टीम व्दारा तैयार ‘हमारा पैसा हमारा हिसाब‘ का नया एपिसोड।[block rendering halted]