स्वास्थ्य आपातकाल में अनिश्चितकालीन हड़ताल गए जूनियर डॉक्टर्स की मांगों की पैरवी

जन स्वास्थ्य अभियान ने आंदोलन के समर्थन में लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

इंदौर/ भोपाल, 6 जून 21 । जन स्वास्थ्य अभियान ने प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जूनियर डॉक्टर्स के आंदोलन के समर्थन में पत्र लिखकर उनकी मांगों को शीघ्र मानने और स्थायी समाधान निकालने की पैरवी की हैं।

मध्‍यप्रदेश में जन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सक्रिय जन स्वास्थ्य अभियान ने मुख्‍यमंत्री के नाम भेजे में पत्र में मांग की है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के दौर में अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर की मांगों पर तत्काल विचार कर उनका उचित समाधान किया जाए जिससे आम नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े तथा अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण हड़ताल को शीघ्र खत्‍म करने के प्रयास किए जाएँ ।

जन स्वास्थ्य अभियान के संयोजक अमूल्‍य निधि, एस. आर. आज़ाद, सुदीपा दास, शिल्पा जैन, राकेश चांदौरे ने कहा किकोविड–19 महामारी के संकट के इस समय में 31 मई 2021 से मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टर अपनी वाजिब मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण हड़ताल पर हैं। किंतु अब तक राज्‍य सरकार की ओर से जूनियर डॉक्टर की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं।

पत्र में कहा गया है कि यह संकट का समय हैं और हम सभी जानते हैं कि कोविड – 19 के संकट के शुरुवाती समय मार्च 2020 से अब तक लगातार नि:स्वार्थ भाव से इन सभी डॉक्टरों ने अपनी सेवाएँ दी हैं। और इनमें से कई डॉक्टर ऐसे हैं जो महीनों तक घर नहीं गए हैं और अस्पताल में ही महज कुछ घंटों की नींद लेकर नियमित सेवाएँ दे रहे हैं जिनके बारे में कई खबरें समाचार पत्रों और सोश्ल मीडिया में भी जारी हो चुकी हैं।

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा जो अपनी 6 सूत्री मांगें रखी गई हैं उनमें अस्पताल में उनकी सुरक्षा की व्यवस्था, कोविड वारियर्स एवं उनके परिवारजनों को प्राथमिकता के आधार पर इलाज सुनिश्चित कराना, सरकार द्वारा उनके लंबित स्टाईपेंड और कोविड – 19 इंसेंटीव्स आदि के भुगतान आदि जैसी वाजिब मांगें रखी गई हैं जिनके समाधान की दिशा में शीघ्र प्रयास किये जाने चाहिए।  

ज्ञातव्‍य है कि प्रदेश के 3000 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं, इसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर शामिल हैं । जूनियर डॉक्टर एसोशिएशन द्वारा चिकित्सा शिक्षा मंत्री को कई बार ज्ञापन भी दिया जा चुका हैं और अपनी वाजिब मांगों से उन्हें अवगत भी कराया गया हैं। सरकार की ओर से यह बयान आया हैं कि कुछ मांगों को मान लिया गया हैं, परंतु कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया हैं। एसोसिएशन का मानना है कि अदालत ने भी मामले के पूरे पहलुओं ओर पक्षों को सुने बिना ही एक तरफा कार्यवाही कर निर्णय लिया गया हैं।

जूनियर डॉक्टरों की इन मांगों पर प्रदेश एवं देश के चिकित्सकों के एसोसिएशन, जन स्वास्थ्य समूहों सहित कई अन्य व्‍यक्तियों ने भी समर्थन दिया हैं ।

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