भोपाल, 07 मई 2021। मध्यप्रदेश के जिलों मे कोविड–19 महामारी से हालात बेकाबू है। कोविड–19 महामारी का सामना करते हुए करीब एक साल से ज्यादा का समय बीत गया हैं परंतु आवश्यकता का अनुरूप सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत नहीं किया जा सका हैं। आज भी कोविड पीड़ित मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं, अस्पतालों में भर्ती होने के इंतजार में मरीज दम तोड़ रहे हैं। वहीं प्रदेश में ऑक्सीजन, दवाइयों, वेंटिलेटर आदि की कमी लगातार बनी हुई हैं।
प्रदेश में स्वास्थ्य सरोकार रखने वाले जन स्वास्थ्य अभियान के एस. आर. आजाद, राकेश चांदौरे, सुदीपा दास, अमूल्य निधि ने मध्यप्रदेश सरकार के आयुष्मान निरामय योजना के अंतर्गत कोविड से पीड़ित मरीजों के इलाज के निर्णय का स्वागत किया हैं और मांग की है कि जिस तरह कोविड की पहली लहर के वक्त प्रदेश सरकार ने सभी पीड़ित मरीजों के लिए नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की थी, उसी प्रकार कोविड की दूसरी लहर के शुरू होने के दौरान यह निर्णय लागू किया जाए ताकि जिन मरीजों ने स्वयं के खर्च से इलाज की व्यवस्था की है, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सके और उन सभी मरीजों को इलाज में खर्च हुई राशि लौटाई जाए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 अप्रैल 2021 को जारी किए गए कोरोना बुलेटिन के अनुसार प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में किसी भी मरीज से कोई पंजीयन शुल्क या अन्य शुल्क नहीं लिए जाने के निर्देश दिये गए थे, परंतु प्रदेश के निजी अस्पतालों ने इलाज, जाँचों, दवाइयों, ऑक्सिजन आदि के नाम पर मनमाना पैसा वसूल किया हैं।
जन स्वास्थ्य अभियान ने राज्य सरकार से अपील की है कि प्रदेश में कोविड–19 के सभी मरीजों का नि:शुल्क इलाज सार्वजनिक अस्पतालों के साथ – साथ सभी निजी अस्पतालों में भी सुनिश्चित किया जाए। सभी जिलों में अविलंब नि:शुल्क टेस्टिंग और टीकाकरण, ऑक्सीज़न, दवाइयाँ, वेंटिलेटर, पर्याप्त बेड्स और मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ आदि की पर्याप्त उपलब्धता तत्काल सुनिश्चित की जाए।