इंदौर, 4 सितम्बर 2020 । विभिन्न प्रदेशों के साथ मध्यप्रदेश में भी कोविड–19 संक्रमण का तेजी से फैलाव जारी हैं । 2 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मेडिकल कॉलेज के साथ विडियो कांफ्रेंस में निजी अस्पतालों में कोविड–19 के इलाज में पारदर्शिता लाने की बात कही गयी हैं और यह पारदर्शिता केवल मरीज को उस पर हुए खर्च को बताने तक ही सीमित हैं और इसके साथ ही आर्थिक रूप से सम्पन्न मरीजों से इलाज का खर्च स्वयं वहन करने के सुझाव भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दिये हैं और बाकी मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत किया जायेगा । जबकि प्रदेश सरकार के 5 अप्रैल 2020 को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य संस्थानों में किसी भी मरीज से पंजीयन शुल्क या अन्य शुल्क नहीं लिए जाने के रूपष्ट निर्देश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गए थे।
जन स्वास्थ्य अभियान समूह से जुड़े एस. आर. आजाद, सुधा तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के इस सुझाव से कोविड से संक्रमित हो रहे हजारों लोग एवं परिवार प्रभावित होंगे और यह स्वैच्छिक निर्णय कहीं उन पर जबरदस्ती लादा ना जाये। कोरोना काल में निजी अस्पतालों के कई मामले सामने आये हैं जब शासकीय दिशा निर्देश के होते हुए भी गरीब और मजबूर लोग इलाज के नाम पर लूटे गए हैं और उन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही अभी तक नही हुई हैं।
जन स्वास्थ्य अभियान का मानना हैं कि कोविड 19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक महामारी घोषित किया हैं और और इस महामारी से जनता की सुरक्षा करने के लिए सरकार को स्वयं संसाधन जुटाने चाहिए न कि संकट के समय में उनपर आर्थिक बोझ लादा जाये । इस संदर्भ में जन स्वास्थ्य अभियान ने मांग की हैं कि मरीजों से किसी भी प्रकार से इलाज के नाम पर कोई खर्च न वसूला जाये और वर्तमान स्थिति के अनुसार ही सभी का इलाज सुनिश्चित किया जाये।
जन स्वास्थ्य अभियान के साथी अमूल्य निधि ने कहा कि आज प्रदेश के सभी जिलों में कोविड – 19 तेजी से लगातार फैल रहा हैं 1 हमारी सरकार के 26 जून 2020 के पत्र के अनुसार प्रदेश में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल 25 से घटकर 16 ही रह गए है और डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर 73 से 60 हो गए। ऐसे संकट के इस समय में हमें और मजबूती से अस्पतालों की संख्या बढ़ाकर सार्वजानिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए था । लेकिन 5 मई 2020 को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में जितने अस्पताल का डेटा दिया गया था वह 26 जून 2020 को अस्पताल बढ़ने की जगह कम हो गए जबकि महामारी 52 जिले में फैल चुकी हैं।
जन स्वास्थ्य अभियान ने सरकार से मांग की हैं कि मध्यप्रदेश सरकार सभी को महामारी के समय में मुफ्त इलाज उपलब्ध करवाए चाहे वह किसी भी वर्ग से सम्बंध रखता हो । क्योंकि महामारी के समय में यह सरकार की जिम्मेदारी हैं कि सभी को मुफ्त गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधा दे, साथ ही जाँच भी मुफ्त होना चाहिए। इसके अलावा पिछले छह महीनों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए किये गए प्रयासों की रिपोर्ट सार्वजनिक करना चाहिए, इसके साथ डेथ ऑडिट रिपोर्ट भी सार्वजानिक किया जाना चाहिए ।
[block rendering halted]