पुणे पैदल यात्री दिवस घोषित करने वाला देश का पहला शहर बना
सस्टेनेबल अर्बन मोबिलिटी नेटवर्क (समनेट इंडिया) गैर सरकारी संगठनों के राष्ट्रीय गठबंधन ने भारत सरकार से 11 जनवरी को राष्ट्रीय पैदल यात्री दिवस के रूप में घोषित करने की मांग के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। अभियान के द्वारा देश में सुरक्षित, सुविधाजनक और सुखद चलने के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता और एक ऐसी संस्कृति विकसित करने पर बल देना है जिसमें पैदल चलने वालों का सम्मान किया जाता है।
2011 की जनगणना के अनुसार, सभी कार्य यात्राओं में से एक तिहाई यात्रा पैदल की जाती है। आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक चलती हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (NSO) के अनुसार 60% बच्चे पैदल स्कूल जाते हैं। इसके बावजूद, अधिकांश शहरों में पैदल चलने का बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है, बल्कि न के बराबर है, जबकि पैदल चलने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट “भारत में सड़क दुर्घटना के आँकड़े” के अनुसार, कुल सड़क दुर्घटना में मरने वालों में से 17% पैदल चलने वाले होते हैं। 2019 में 25,858 पैदल यात्री इस तरह मारे गए। आँकड़ों से पता चलता है कि यह संख्या 5 वर्षों में 85% तक बढ़ गई है।
इस मुद्दे की अहमियत को समझते हुए पुणे तो शहर स्तरीय पैदल यात्री दिवस घोषित करने वाला देश का पहला शहर बन भी गया है। पुणे नगर निगम ने हाल ही में घोषणा की है कि वह 11 दिसंबर को पैदल यात्री दिवस मनाएगा।
अभियान समन्वयक सूरज जयपुरकर ने कहा, “हमने पैदल चलने वालों की मौत में हो रही निरंतर वृद्धि को उजागर करने के लिए यह अभियान शुरू किया है। सड़कों और पास-पड़ोस में पैदल चलने की व्यवस्था को मजबूत, सुरक्षित और समावेशी बनाया जाना चाहिए ताकि यह सभी प्रकार के सड़क उपयोगकर्ताओं को समायोजित कर सके – बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों से लेकर दिव्यांग लोगों तक”।
परिसर के रंजीत गाडगिल ने कहा, “राष्ट्रीय दिवस किसी मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने, कार्यों के माध्यम से जमीनी समर्थन जुटाने, मीडिया का ध्यान आकर्षित करने और इस तरह इसे लागू करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति पैदा करने के अवसरों के रूप में उपयोगी होते हैं।”
सस्टेनेबल अर्बन मोबिलिटी नेटवर्क (एसयूएम नेट) के राजेंद्र रवि ने जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान देश के अलग-अलग शहरों में 11 सितम्बर 21 को अभियान शुरू हो गया है| जिसके दौरान समनेट के स्थानीय सदस्य विभिन्न दलों के नेताओं,चुने हुए प्रतिनिधियों एवं स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों से मिल रहे है, ताकि राष्ट्रीय पैदल यात्री दिवस की घोषणा के लिए उनका समर्थन मांगा जा सके और ऐसी नीतियों पर जोर दिया जा सके जो पैदल चलने को आकर्षक और सुरक्षित बनाएं।
वे पैदल चलने के महत्व को उजागर करने के लिए रैलियों, वॉकथॉन, सेमिनार आदि जैसी गतिविधियों का आयोजन करने जा रहे हैं। इसने अन्य संगठनों से भी अभियान में शामिल होने का आह्वान किया है।
राजेंद्र रवि ने कहा कि जल्द ही पैदल यात्री दिवस के लिए एक मसौदा प्रस्ताव भी सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा। अभियान के तहत झटका डॉट ओआरजी (Jhatkaa.org) के सहयोग से एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की गई है। [https://bit.ly/SUMpartnersNPD]