सम्पूर्ण मुआवजा व पुनर्वास अधिकार मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा
19 नवंबर । धार जिले के गंधवानी के पास बन रहे बरखेड़ा बांध के प्रभावितों का बांध स्थल के पास उरी नदी के किनारे आज दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। नर्मदा बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री आलोक अग्रवाल ने जिला कलेक्टर श्री आलोक कुमार सिंह से बात करने पर उन्होंने आश्वासन दिया कि अभी जमीन कब्ज़े की कोई करवाई नहीं की जायेगी और प्रभावितों को पुनर्वास के लाभ जल्द से जल्द दिये जायेंगे। इस विषय में वह 23 या 24 नवंबर को एक बैठक भी करेंगे। जिला कलेक्टर के इस आश्वसन के बाद प्रभावितों ने अपना धरना समाप्त किया और संकल्प व्यक्त किया कि उनके मुआवजा और पुनर्वास के सम्पूर्ण अधिकार मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
उच्च न्यायालय में अर्जी दायर
बरखेड़ा बांध प्रभावितों द्वारा उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में लंबित दो याचिकाओं में आज विशेष अर्जी दायर की गई। इन अर्जियों में बताया गया है कि बरखेड़ा बांध क्षेत्र में भू-अर्जन कानून 2013 का खुला उल्लंघन हो रहा है और मांग की गई है कि इस कानून के सभी प्रावधानों का कड़ाई से पालन करते हुए सभी प्रभावितों को सम्पूर्ण मुआवजा और पुनर्वास के सभी अधिकार दिये जायें और इसके बाद ही जमीन के कब्जे की अनुमति दी जाये।
मुआवजा व पुनर्वास के क्या अधिकार बाकी हैं?
धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए नर्मदा आंदोलन के आलोक अग्रवाल ने बताया कि बरखेड़ा बांध प्रभावित ग्राम खोजकुआ और रेहड़दा के सभी घरों का भू अर्जन होना बाकी है और डूब के सभी पांचों गांवों खोजकुआ, रेहड़दा, टोल, कदवाल व मुजाल्दा के लगभग 400 परिवारों को पुनर्वास के लाभ मिलने बाकी हैं। पुनर्वास में हर विस्थापित परिवार को घर बनाने, रोजगार, परिवहन, पुनर्वास अनुदान आदि के लिये कुल लगभग 8 से 10 लाख रु प्रति परिवार मिलेंगे। भू अर्जन कानून 2013 के अनुसार जमीन व घर का मुआवजा व पुनर्वास की सम्पूर्ण राशि एक साथ दी जाएगी ताकि विस्थापित अन्यत्र अपनी जीविका स्थापित कर सके। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया के बाद ही उनसे जमीन का कब्जा लिया जायेगा।
संघर्ष जारी रहेगा
धरने पर सभा को संबोधित करते हुए सभी विस्थापितों ने कहा कि हम सब संगठित हैं और हम कोई अन्याय नहीं सहेंगे। हमारा संघर्ष मुआवजे व पुनर्वास के सभी अधिकार प्राप्त होने तक जारी रहेगा। प्रभावितों ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में फिर कभी बिना सम्पूर्ण मुआवजा व पुनर्वास अधिकार दिये जमीन पर कब्जे का प्रयास किया गया तो उसका कड़ा विरोध किया जायेगा।
उक्त जानकारी नर्मदा बचाओ आंदोलन के मीडिया सेल व्दारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।