इंदौर। पेशे से चिकित्सक और शौकिया तौर पर फोटोग्राफी करने वाले डॉ. चेतन एरन के चुनिंदा फोटोग्राफ्स की तीन दिवसीय प्रदर्शनी ( 11 से 13 फरवरी 2022 ) ‘फोटो थेरेपी’ प्रीतमलाल दुआ कला विथिका में रविवार को सम्पन्न हुई । इस फोटोग्राफी प्रदर्शनी में दर्शकों ने वन्य जीव, पक्षी और प्राकृतिक के खूबसूरत नजारे वाले चित्रों को निहारा । प्रदर्शनी देखने पहुंचे लोग फोटो में कैद हुए अद्भुत लम्हों को लंबे समय तक टकटकी लगाए देखते रहे।
डॉ. एरन के पास पिछले वर्षों में लिये प्रकृति, जीवन शैली, कला, संस्कृति, पुरातत्व, ऐतिहासिक धरोहर, ग्राम्य जीवन आदि विषयों पर सैकडों फोटो का बेहतरीन संग्रह है। वे लगभग 8-9 वर्षों से शौकिया तौर पर फोटोग्राफी कर रहे है। डॉ.चेतन लंबे समय से पक्षियों के संसार को जानने के शौक से जुड़े थे और फिर अपने चिकित्सीय पेशे के साथ उनको फोटोग्राफी से लगाव हो गया।
उन्होंने इस प्रदर्शनी में लगे फोटोग्राफ्स के माध्यम से विभिन्न अभ्यारण्यों में वन्य प्राणियों के अदभुत चित्रों और प्रकृति के अनुपम नजारें को कैद कर आमजन तक पहुंचाने का प्रयास किया है। इसके पहले भी वे अपने फोटोग्राफस की प्रदर्शनी लगा चुके है।
‘फोटो थेरेपी’ में शौकिया फोटोग्राफर डॉ. चेतन एरन ने लगभग 60-65 फोटोग्राफ्स को प्रदर्शित किया है। जिसमें उन्होंने प्रकृति, वन्य जीवों और ऐतिहासिक इमारतों की अनमोल सुंदरता को एक कलात्मक नज़रिए से इस तरह अभिव्यक्त किया हैं कि आमजन अपनी भागमभाग भरी जिंदगी में से कुछ वक्त के लिए प्रकृति की सुंदरता और विविधता को महसूस करने लगते हैं। प्रदर्शनी में प्रकृति की गोद में अपनी अदाएं बिखेरते वन्यजीव, पानी में अठखेलियां करते सारस और जंगल में नाचता मोर के मनमोहक दृश्यों को रंगों में ऐसा ढाला की आंखें ठहर सी जाती है।
शहर के फोटोग्राफर्स, डाक्टर्स , पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं और आमजनों को डॉ. चेतन एरन की फोटो ‘थेरेपी’ में रंगों, प्रकृति और सौंदर्य का जादू देखने को मिला। फोटो प्रदर्शनी को थीम के आधार पर सजाने का प्रयास था, जिसमें किन्हीं फोटोग्राफ्स में पानी पीता बाघ तो शेरों की उम्दा क्लोजअप तस्वीरें, वहीं एक बेहतरीन क्लिक जहां पहाड़ों के बीच रात में आसमान में चमकती आकाश गंगा नजर आती है तो कहीं रेगिस्तान में सूर्यास्त के वक्त में सूर्य का गोला अग्नि प्रज्जवलन सी आभा देता है, तो किसी फोटो में हरी घास की मखमली चादर पहने पहाड़ी से दिखाई देता प्रकृति का नीला वैभव तो किन्हीं फोटो में दो सारसों का आलिंगन देखकर मन आनंदित हो उठता है। साथ ही ऐतिहासिक धरोहरों और बर्फीली चोटियों की भव्य तस्वीरों को देखकर प्रकृति की सुंदरता का एक अलग नजरिया ही देखने को मिला। प्रदर्शनी में कुछ ब्लैक एंड वाइट तस्वीरें भी प्रदर्शित की गई थी, जो दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती रहीं।
एक गैर पेशेवर फोटोग्राफर डॉ. एरन ने इन तस्वीरों में जहां आला दर्जे की तकनीकी कुशलता को दर्शाया है वहीं प्रकृति और वन्य जीवन के प्रति उनकी संवेदनशीलता भी नजर आती है। उनका मानना है कि फोटोग्राफी आसान नहीं है। यह एक कला और ऐसी तकनीक है, जिसे करते समय आपके सामने कई चुनौतियां आती है, इसके लिए धैर्य की जरूरत होती है। किसी भी लाइव फोटो की बारीकी या फोटोग्राफी को समझने के लिए विषय की समझ जरूरी होती है। इस काम में मुझे मेरे कला गुरू, मेंटर और फोटोग्राफी के मार्गदर्शक हेमशंकर पाठक, ख्यातनाम फोटोग्राफर्स आकाश नागर, फैजान खान, तनवीर फारूकी और स्वप्नेश का विशेष सहयोग मिलता रहा है, जिससे इंदौर के दर्शकों के बीच लंबे समय बाद यह फोटो प्रदर्शनी प्रस्तुत की जा सकी है।