खादी संस्थाओं के ऋण माफ करने एवं दोनों देशों से युद्ध का रास्ता त्यागने का आव्‍हान

सर्व सेवा संघकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सम्पन्न

सेवाग्राम :  सर्व सेवा संघ (अखिल भारत सर्वोदय मंडल) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी  की वर्चुअल बैठक में 13  राज्यों के 22 सदस्यों ने खादी संस्थाओं की ऋण माफ़ी एवं भारत और चीन के बीच में तनाव के संदर्भ में प्रस्‍ताव पारित किेये। सर्व सेवा संघ के अध्‍यक्ष श्री महादेव विद्रोही ने जानकारी देते हुए बताया कि  सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री जयवंत मठकर व्‍दारा खादी संस्थाओं के संबंध में प्रस्‍तुत किये गए  प्रस्ताव पर चर्चा हुई । सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत सरकार ने  समय-समय पर बड़े उद्योगों सहित अनेक लोगों के हजारों करोड़ के ऋण माफ किये हैं। खादी संस्थाओं को उसके काम के लिए बैंकों द्वारा ऋण दिये गये थे। इन संस्थाओं ने अभी तक इनसे अधिक ब्याज का भुगतान कर दिया है, फिर भी उनपर ऋण वापसी की तलवार लटकी हुई है। अनेक संस्थाओं को कुर्की-जब्ती का भी नोटिस दी गयी है। इन संस्थाओं ने जितनी रकम की ऋण ली है, उससे सैकड़ों गुना अधिक मूल्य की  सम्पत्ति गिरवी रख ली है।

सर्व सेवा संघ की कार्यसमिति ने भारत सरकार से अपील की है कि चूंकि खादी स्वदेशी एवं आत्मनिर्भरता की प्रतीक है, इसलिए इनके सभी बैंक ऋण माफ किये जायें तथा इनकी  सम्पत्तियों पर कोई भी निर्णय करने से पहले सर्व सेवा संघ से भी चर्चा की जाये क्योंकि इस संपत्ति पर सर्व सेवा संघ की भी जिम्मेदारी है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी  की बैठक में हाल की घटनाओं के कारण दो पड़ोसी देश—भारत एवं चीन में तनाव की स्थिति पर भी चिंता व्‍यक्‍त की गई। इस परि‍स्थिति में दोनों देशों की सेनाओं के अनेक जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है। दुनिया के विभिन्न देशों ने युद्ध की विभिषिकाओं को देखें हैं तथा उसके परिणाम भी भुगते हैं। इन अनुभवों के बाद अब कहीं भी युद्ध मानवता के प्रति अपराध है।

1962  के युद्ध के समय सर्व सेवा संघ ने युद्ध के विरुद्ध श्री शंकरराव देव की अध्यक्षता में ‘दिल्ली पीकिंग मैत्री यात्रा’ की शुरुआत की थी और सरकार ने उसे बीच में ही रोक दिया। युद्ध का यह वातावरण दो देशों की सरकारों के कारण उत्पन्न हुआ है। चीन या भारत की जनता युद्ध नहीं  चाहती। अत: दोनों सरकारों से सर्व सेवा संघ ने अपील है कि बातचीत के लिए मेज पर आयें। इसी में सबकी भलाई है।

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष श्री महादेव विद्रोही द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोरोना के  कारण सभी सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाये गये थे। अब जब कोरोना का फैलाव काफी  अधिक हो गया है और संक्रमितों की संख्या 5 लाख को पार कर गयी है, तब धार्मिक कार्यक्रमों पर से प्रतिबंध हटाने तथा यात्रा आदि करने की छूट दे दी गयी है परन्तु सामाजिक कार्यक्रमों पर अभी भी प्रतिबंध जारी रखा गया है। उन्‍होंने इस संबंध में सरकार से अपील की हैं कि सभी सामाजिक कार्यों पर से प्रतिबंध तत्काल खत्म किये जायें । सामाजिक काम लोकतंत्र के प्राण हैं। इनके बिना लोकतंत्र कुंठित हो जाता है।  

इस बैठक में सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान से संबंधित गठित समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। रिपोर्ट में  सर्व सेवा संघ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए गाँधी दर्शन के प्रचार प्रसार को  लक्षित  करते हुए आगामी पांच वर्ष के लिये सत्य, अहिंसा पर आधारित युवा शक्ति के निर्माण का  कार्यक्रम  बनाने तथा सर्व सेवा संघ  और  सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान के सभी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर  आयोजित करने का निश्चय करने की सिफारिश की गयी है। रिपोर्ट में  सर्व सेवा संघ के पूर्व महामंत्री  तथा  सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान के निवर्तमान अध्यक्ष के बारे में सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करने के  लिए  सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष से निवेदन किया गया है, ताकि मधुर वातावरण का निर्माण किया  जिसके और दोनों संगठनों का काम सुचारु रूप से चलाया जा सके।  

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