उमरिया । आज हमने सरकार को ही सब कुछ मान लिया है । सब कुछ सरकार के रहमों – करम पर छोड़ दिया है इसीलिए देश चौतरफा समस्याओं की गिरफ्त में है। अर्थव्यवस्था रसातल में जा रही है और अन्नदाता कड़ाके की ठंड में 1 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर पड़ा है। जबकि सरकार बनाने वाला समाज नगण्य हो गया है । समाज बड़ा है सरकार नहीं । समाज जब तक यह नहीं समझता और उसका अभिक्रम नहीं जागता तब तक न सरकारों पर लगाम कसेगी न देश पटरी पर आएगा ।
यह उद्गार वयोवृद्ध चिंतक, गांधी विचारक सर्वोदय नेता अमरनाथ भाई ने व्यक्त किये । सर्वोदय आंदोलन की सर्वोच्च संस्था सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे अमरनाथ भाई ने महिलाओं और युवाओं के बीच मध्य प्रदेश सर्वोदय मंडल और राष्ट्रीय युवा संगठन द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि गरीबी, बेकारी, भ्रष्टाचार, किसानों और बेरोजगार युवाओं की आत्महत्याएं अकेले-अकेले की समस्याएं नहीं हैं । पूरा समाज इन समस्याओं से त्रस्त है इसलिए इनसे अकेले-अकेले लड़कर नहीं जीता जा सकता । समस्याएं सामूहिक हैं तो समाधान भी सामूहिक प्रयासों से ही निकलेगा । इसीलिए हमें जाति धर्म और राजनीति से ऊपर उठकर समाज के निर्माण और विकास के लिए सामूहिक पुरुषार्थ करना होगा ।
आपने पौराणिक कथाओं में वर्णित सीता, सावित्री, अहिल्या, द्रौपदी जैसी देवियों और आधुनिक समाज में स्त्री के संघर्षों को रेखांकित करते हुए कहा कि स्त्री का शील व सम्मान आज भी सुरक्षित नहीं है । हमें स्त्रियों के रहने लायक समाज बनाना होगा । जाहिर है इसमें स्त्रियों की ही महती भूमिका होगी ।
इंदिरा स्वसहायता समूह के हॉल में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में राष्ट्रीय युवा संगठन के राष्ट्रीय संयोजक अज़मत उल्ला खान, समाज कर्मी भूपेंद्र त्रिपाठी, कवि शंभू सोनी, उमा गौतम, अनुज सेन, नसरीन बानो, सिया चौधरी, चंदा कोरी, दीन हीन विकलांग संगठन के संभागीय अध्यक्ष सोहन चौधरी सहित लगभग 100 महिलाओं ने हिस्सा लिया ।
युवा साथी सचिन त्रिपाठी ने प्रेरणा गीत गाया और संवाद का संचालन वरिष्ठ पत्रकार एवं समाज कर्मी संतोष कुमार द्विवेदी ने किया आभार अंजू ने व्यक्त किया ।