सरकार और किसान संगठनों के बीच चल रही तनातनी के बाद अब राजस्थान प्रदेश के किसान संगठनों ने किसान आंदोलन के राष्ट्रीय आव्हान के तहत जयपुर-दिल्ली राजमार्ग से दिल्ली कूच करने का फैसला किया है। अभी तक किसान अलग – अलग इलाकों अपने-अपने स्तर पर कूच करते हुए सिलसिलेवार दिल्ली पहुँच रहे हैं। कोटा, बूंदी, बारां, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू आदि जिलों से किसान टिकरी और सिंधु बोर्डर पर पहुँच रहे थे। कुछ किसान शाहजहांपुर में धरना लगाकर बैठे है। लेकिन अब अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राजस्थान ने फैसला किया है कि 12 दिसंबर से सब एकत्रित होकर जयपुर-दिल्ली राजमार्ग से दिल्ली कूच करेंगे।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के डॉ.संजय “माधव” ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि किसान संगठनों व आंदोलन में सक्रिय रूप से जुड़े किसानों, मजदूरों व व्यापारिक संगठनों से आव्हान किया गया है कि “दिल्ली-कूच” करने को सफल बनाने के लिए 12-दिसंबर की रात तक कोट पूतली पहुँचें। कोटपुतली से 13-दिसंबर की सुबह किसानों व्दारा भारी संख्या में एक साथ दिल्ली की तरफ राष्ट्रीय राज मार्ग से कूच किया जायेगा।
किसान बड़े पैमाने पर अपने-अपने ट्रैक्टर ट्राली व अन्य निजी साधनों से अपने-अपने घरों से आटा,दाल, राशन व बिस्तर आदि व्यवस्था करके रवाना हो रहे ताकि हर परिस्थिति का सामना किया जा सके। यह निर्णय कल संपन्न हुई अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति राजस्थान की मीटिंग में लिया गया।
संघर्ष समिति ने राज्य के अब तक के कार्यक्रम जिनमें तीन दिसंबर का दो घंटे का चक्का जाम, पांच दिसंबर का प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन व आठ दिसंबर का भारत बंद शामिल हैं, की सफलता पर राज्य की जनता का आभार व्यक्त किया है तथा समर्थन में उतरे सभी श्रमिक संगठनों, छात्र, महिला,नौजवान व अन्य संगठनों का भी धन्यवाद दिया जो निरंतर किसानों के इस संघर्ष के साथ बने हुए हैं। संघर्ष समिति ने उन सभी राजनीतिक दलों का भी आभार व्यक्त किया जो इतिहास के इस सबसे कठिन आंदोलन में साथ हैं और हर तरह से मदद कर रहे हैं।