इंदौर । 27 मई । महिला अधिकारों की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाली, सभी जन संघर्षों की सक्रिय साथी, नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथ हमेशा खड़ी रहने वाली वर्षों की साथी कल्पना मेहता का आज शाम निधन हो गया। वे 67 वर्ष की थी। पिछले दो साल से बीमारी से जूझते हुए वे जीवन संघर्ष कर रही थी।

वरिष्‍ठ पत्रकार, समाजिक कार्यकर्त्‍ता एवं सर्वोदय प्रेस सर्विस  के संपादक श्री राकेश दीवान ने कहा कि बेहद प्रिय मित्र कल्पना मेहता ने आज हम सबसे हमेशा के लिए विदा ले ली। जब उसके बारे में सोच रहा हूं तो अनेक बातें उभरकर आ रही हैं । सत्तर के दशक की शुरुआत में आईआईटी (कानपुर) से ‘एयरोनाटिकल इंजीनियरिंग’ में स्नातक और फिर अमरीका के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी में आगे पढाई करने वाली कल्पना भारत में महिला आंदोलन के शुरुआती समूह का हिस्सा रही थी और तबके विख्यात महिला समूह ‘सहेली’ की स्थापना में उसकी खासी भूमिका थी।

बाद के सालों में मां श्रीमती इंदु मेहता और पिता श्री आनंदसिंह मेहता की बिगडती सेहत के कारण कल्पना ने इंदौर वापसी की। यहां भी उसने महिलाओं के सवालों, खासकर स्वास्थ्य को लेकर ‘मानसी’ समूह बनाया और अंतिम दिनों तक उसमें सक्रिय रही।

श्री आनंदसिंह मेहता की स्मृति में गठित ‘सन्दर्भ दस्तावेजीकरण केन्द्र’ की मार्फत कल्पना ने शहर और उसके आसपास के सरोकारों को लगातार उभारा। ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन,’ ‘जागृत आदिवासी दलित संगठन’ जैसे संगठनों के मुद्दों को लेकर कल्पना हमेशा बेहद जागरूक और सक्रिय रही। इंदौर में प्रगतिशील विचारों, साहित्य और संस्कृति को लेकर ‘संन्दर्भ’ ने कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। कल्पना की विदाई हम सबके लिए सार्वजनिक और निजी स्तर पर एक बडी कमी पैदा करेगी।

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