विनय भक्त
उज्जैन । ‘रेडियो दस्तक’ 90.8 एफ एम ने अपने कार्यक्रमों के माध्यम से उज्जैन के जनमानस में गहरी पैठ बनाई है। जहां यह स्थानीय कलाकारों एवं प्रतिभाओं का मंच बन रहा है वहीं जनजागरूकता अभियान और अपने कार्यक्रमों के माध्यम से देश में ख्यात हो रहा है। भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इनोवेटिव प्रोग्राम की श्रेणी में इसे पुरस्कृत किया है। 26 जनवरी 2019 में स्थापित यह रेडियो 26 जनवरी को अपने चतुर्थ वर्ष में प्रवेश कर रहा है। ‘रेडियो दस्तक’ 90.8 एफ एम को उज्जैन के साथ- साथ उज्जैन संभाग के पहले सामुदायिक रेडियो होने का गौरव प्राप्त है।
उज्जैन का अपना यह ‘रेडियो दस्तक’ प्रतिदिन सुबह 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक लगातार 16 घंटे तक लोगों को मनोरंजन करने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक जानकारी देकर लगातार जागरूक कर रहा है। सही मायने में ‘रेडियो दस्तक’ की सफलता ही यही है कि अपने कार्यक्रमों के माध्यम से आम लोगों में स्वयं के विकास के प्रति आशा बनाई है।
समय-समय पर देश की विभिन्न क्षेत्र की हस्तियों ने ‘रेडियो दस्तक’ के स्टूडियो में विजिट किया और इसके स्टूडियो के साथ रिकॉर्डिंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर आधुनिक संसाधनों के साथ प्रसारित कार्यक्रमों की सराहना कीं। इसी कड़ी में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी रेडियो दस्तक आये और स्टूडियो विजिट कर सराहना की तथा रेडियो के कार्यक्रमों और प्रोडक्शन को ट्वीट कर प्रोडक्शन को प्रोत्साहित किया।
उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय और ‘रेडियो दस्तक’ के मध्य एमओयू भी साइन किया गया है। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे शैक्षणिक विकास के विभिन्न आयामों में रेडियो दस्तक के माध्यम से विश्वविद्यालय से जुड़े हजारों विद्यार्थियों को जागरूक करना और लाभ पहुंचाना है वहीं विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और फेकल्टी द्वारा किये जा रहे कार्यो को विद्यार्थियों तक पहुंचाना है। यूनिसेफ और स्मार्ट के साथ मिलकर ‘रेडियो दस्तक’ 90.8 एफ एम गर्भवती महिलाओं और बच्चों के विकास और उनकी देखभाल के लिए समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से 18 कार्यक्रमों की श्रृंखला का प्रसारण कर रहा है।
‘रेडियो दस्तक’ ने स्मार्ट के साथ मिलकर कोविड-19 जागरूकता अभियान चलाया और कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय को कोरोना के नियमों का पालन करने और वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया। कम्यूनिटी रेडियो एसोसिएशन दिल्ली के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों के संदर्भ में भी जागरूक किया गया। वहीं यंग वॉरियर कार्यक्रम की श्रृंखला प्रसारित की गई जिसके अर्न्तगत कोरोना महामारी के दौरान सेवायें प्रदान की सराहना की गई।
‘रेडियो दस्तक’ के कई प्रोग्राम अनूठे तो है ही अपने कन्टेन्ट और प्रसारण की निरंतरता के चलते वह देश में रिकॉर्ड बना रहे है। इसमें से ‘दस्तक दोस्ती’ कार्यक्रम के 600 से अधिक एपिसोड प्रसारित हो चुके है। ‘दस्तक दोस्ती’ की कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को ताजातरीन घटनाओं और गतिविधियों की जानकारी रोचक तरीके से दी जा रही है। इसी तरह ‘जिंदगी जिंदाबाद’ भी रिकॉर्ड की दृष्टि से सम्भवतः देश का अपना अकेला मोटिवेशनल प्रोग्राम होगा जिसके 600 से अधिक एपिसोड प्रसारित किये जा चुके है। ‘जिन्दगी जिन्दाबाद’ कार्यक्रम के माध्यम से जिन्दगी के फलसफे बताये जा रहे हैं।
रात्रि को 10 बजे प्रसारित होने वाला कार्यक्रम ‘शब-ए-मालवा’ अपनी लोकप्रियता के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस कार्यक्रम को प्रस्तुत करने वाली आरजे “आरजू“ जिस तरह से अपनी प्रस्तुती में श्रोताओं से उनके जीवन में चल रही बातों को शामिल कर जीवन के प्रति विश्वास जगाती है वह अतुलनीय है। प्रातः प्रसारित होने वाला कार्यक्रम ‘दिव्य दस्तक’ भी श्रोताओं में बहुत लोकप्रिय है। देश के लोकप्रिय साहित्यकारों की रचनाओं को हमारे श्रोताओं को सुनाने के उद्देश्य से ‘मन की कलम’ से कार्यक्रम के माध्यम से उन लोकप्रिय और वरिष्ठ रचनाकारों की रचनाओं से हमारे श्रोताओं को रोजाना रूबरू कराया जा रहा है। श्रोताओं को ताजातरीन समाचारों की जानकारी देने के उद्देश्य से प्रतिदिन दो बार सुबह 10 बजे और शाम 7 बजे दिल्ली से राष्ट्रीय समाचार और भोपाल से प्रादेशिक समाचार सुबह 8.50 और शाम 7.30 बजे आकाशवाणी से सीधे प्रसारित किये जा रहे हैं।
‘रेडियो दस्तक’ श्रोताओं को नये और पुराने जमाने के हर लोकप्रिय गीत सुनाकर उनका मनोरंजन करने के उद्देश्य से दस्तक टॉप टेन, आपकी फरमाईश, यादगार लम्हें, दस्तक मैशअप, पुराने सदाबहार गीत, नये सदाबहार गीत और शबै मालवा कार्यक्रम के माध्यम से मनोरंजन करने का दायित्व भी निभा रहा है। एक हस्ती से मुलाकात कार्यक्रम के अर्न्तगत उज्जैन शहर, प्रदेश और देश की जानी मानी हस्तियों से मुलाकात कर उनके कार्यक्रम भी प्रसारित किये गए। ‘युग प्रवर्तक’ कार्यक्रम के माध्यम से स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा और उनके प्रवचनों की सार्थकता सिद्ध करने का प्रयास भी किया जा रहा है। ‘हिन्दुस्तां हमारा’ कार्यक्रम के माध्यम से श्रोताओं को देश के महापुरूषों की कहानियाँ सुनाई जा रही है।
मीडिया के विभिन्न आयामों से जुड़े रेडियो दस्तक के केन्द्र निदेशक संदीप कुलश्रेष्ठ ने अपने दीर्घ अनुभवों को साकार करते हुए उज्जैन के विकास को एक नई राह देने के उद्देश्य से ‘रेडियो दस्तक’ की स्थापना की है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि सभी के अपने इस कम्यूनिटी रेडियो, रेडियो दस्तक 90.8 एफ एम का लाभ ले और उज्जैन के विकास में सहभागी बने क्योंकि यह सभी स्थानीय लोगों का अपना रेडियो स्टेशन है।
कोरोना के प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से रेडियो दस्तक ने बीबीसी मीडिया के साथ मिलकर पहेली पहलवान कार्यक्रम प्रसारित किये। ‘रेडियो दस्तक’ ने यूनिसेफ और कम्यूनिटी रेडियो एसोसिएशन के सहयोग से मिशन कोरोना कार्यक्रम के माध्यम से आमजन को कोविड-19 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने का अभियान चलाया जा रहा है। उज्जैन के लोकप्रिय रेडियो दस्तक 90.8 एफ एम ने एमआईबी यानी मिनिस्ट्री ऑफ इन्फार्मेशन और ब्रॉडकास्टिंग के साथ मिलकर फीट इंडिया मूवमेंट भी चलाया।
देश में अपनी तरह के अनूठे ऑनलाइन और सोशल मीडिया का प्रयोग का उपयोग करते हुए ‘रेडियो दस्तक’ ने कई युवा रचनाकारों को मंच प्रदान किया है। इसमें नगर के प्रतिभाशाली कवियों की ऑनलाईन काव्यगोष्ठी भी आयोजित की गई। इसमें शहर के विभिन्न युवा एवं प्रतिष्ठित कवियों के साथ ही बाल कवियों ने भी अपनी कविताओं को ऑनलाईन श्रोताओं के सामने प्रस्तुत कर उन्हें कोरोना महामारी की मानसिकता से हटाकर स्वस्थ्य मनोरंजन प्रदान किया।
संस्था का प्रतिष्ठित वार्षिक आयोजन अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला का पिछले 19 साल से लगातार किया जा रहा है। भारतीय ज्ञानपीठ, श्रीपाल एज्यूकेशन सोसायटी और श्री कृष्ण शिक्षण लोकपरमार्थ समिति, उज्जैन द्वारा इस वर्ष भी कोरोना के कारण यह आयोजन रेडियो दस्तक ने लाईव प्रसारित किया। इससे उज्जैन के संवेदनशील और जागरूक नागरिकों को घर बैठे ही सद्भावना व्याख्यानमाला का हर वर्ष की तरह लाभ और आनंद प्राप्त हुआ।
‘रेडियो दस्तक’ 90.8 एफ एम ने अपने चतुर्थ वर्ष प्रवेश पर कई नये कार्यक्रमों को प्रारंभ करने की योजना बनाई है। साथ ही यहां की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अर्न्तराष्ट्रीय मंच मिले इस हेतु ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण कर उनकी एलबम भी लॉन्च किये जायेंगे। इस कड़ी में म्यूजिक एलबम, कबीर भजन, लोकगीत, कवियों की रचनाओं की रिकॉर्डिंग प्रारंभ की गई है। रेडियो दस्तक को अपने श्रोताओं का इतना स्नेह मिला की प्रारंभ में इसका प्रसारण समय जो प्रातः 8 से रात्रि 8 बजे तक था उसे बढ़ाकर सुबह 7 से रात्रि 11 बजे तक बढ़ाया गया। मालवा का यह अपना पहला कम्यूनिटी रेडियो श्रोताओं के स्नेह और सहयोग से निरंतर लोकप्रियता में आगे बढ़ रहा है।