राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कोविड – 19 के संदर्भ में स्वास्थ्य अधिकार पर जारी की एडवाइजरी
इंदौर, 02 अक्टूबर 2020 । कोविड – 19 ने देश के सभी वर्गों खासकर समाज के वंचित एवं हाशिये पर जीवन जीने वाले लोगों को अत्यधिक प्रभावित किया हैं । मानवाधिकार आयोग ने समाज के इन वर्गों पर कोविड – 19 महामारी का मानवाधिकारों पर प्रभाव और भविष्य के परिणामों का आंकलन करने के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई थी, जिसमें सामाजिक संस्थाओं, नागरिक संस्थाओं, स्वतंत्र विशेषज्ञ और संबंधित मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधी शामिल थे । उक्त समिति के आंकलन और सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 28 सितम्बर 2020 को कोविड – 19 के सन्दर्भ में स्वास्थ्य अधिकार के बारे में एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है।
इस एडवाइजरी में कहा गया है कि :
स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच
· सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों एवं सरकार द्वारा अधिग्रहित किये गए निजी स्वास्थ्य संस्थानों में सभी मरीजों को नि:शुल्क इलाज मिले ।
· कोविड – 19 के अतिरिक्त अन्य सभी बिमारियों के मरीजों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं नियमित रूप से मिले ।
· डॉक्टर द्वारा कोविड – 19 की जाँच के लिए रेफर किये गए मरीजों की निशुल्क कोविड – 19 जाँच होना चाहिए । निजी प्रयोगशालाओं में सीधे जाने वाले मरीजों के लिए जाँच शुल्क की अधिकतम सीमा तय होना चाहिए ।
· कोविड-19 और नान कोविड मरीजों को समय पर अस्पताल पहुँचने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध होना चाहिए ।
नागरिक घोषणा पत्र का पालन करना
· राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अनुसंशा पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किये मरीजों के अधिकार और उत्तरदायित्व सभी सार्वजनिक एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों प्रमुख स्थानों पर राज्य भाषा और अंग्रेजी में प्रदर्शित होना चाहिए ।
· राज्यों के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर भी मरीजों के अधिकार का घोषणा पत्र होना चाहिए ।
· राज्य सरकार को मरीजों के अधिकार घोषणा पत्र के प्रदर्शन की निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए ।
सूचना का अधिकार
· सभी मरीजों को बीमारी की जानकारी, जांचों, इलाज और संभावित जटिलताओं की सूचना का अधिकार हैं । यह जानकरी कोविड – 19 के स्टैण्डर्ड पेशेंट्स गाइडेंस प्रोटोकॉल के साथ मरीज और उसकी देखभाल करने वाले को समझ में आने वाली भाषा में दी जाना चाहिए । अस्पताल को गंभीर कोविड मरीजों के रिश्तेदारों / देखभाल करने वालों को मरीज की स्थिति के बारे में दिन में कम से कम एक अवगत कराना सुनिश्चित करना होगा ।
रिपोर्ट समय पर मिले: प्रयोगशाला में सैंपल देने के 24 घंटों में रिपोर्ट मिलना चाहिए । इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मरीज को सभी जांचों के मूल दस्तावजों सहित मेडिकल रिकार्ड्स, डिस्चार्ज समरी/ डेथ समरी प्राप्त करने का अधिकार है ।
आपातकालीन चिकित्सा देखभाल: किसी भी मरीज चाहे वह कोविड हो या नॉन कोविड को आपातकालीन चिकित्सा देखभाल सेवाओं से वंचित नहीं किया जाये । यह सेवाएं मरीज की भुगतान क्षमता देखें बिना एवं बिना अग्रिम राशि की मांग के दी जाये । नॉन कोविड मरीज यदि किसी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में पहुंचता हैं तो सरकार को यह व्यवस्था करना होगी कि मरीज को अन्य सामान्य अस्पताल में रेफर कर भर्ती करवाए और उसका ईलाज सुनिश्चित करें।
गोपनीयता और मानवीय गरिमा: सभी परिस्थितियों में मरीज की गोपनीयता एवं मानवीय गरिमा बनाये रखी जाये । कोविड – 19 पॉजीटिव मरीज को अस्पताल लाने के लिए बल का उपयोग ना किया जाये ।
गैर भेदभाव: स्वास्थ्य सेवाएं पाने वाले सभी मरीजों के साथ जाति, धर्म, लिंग, भाषा, सामाजिक प्रष्ठभूमि, भौगोलिक क्षेत्र आदि भेदभाव के बिना स्वास्थ्य सेवाएं दी जाये ।
मानकों के अनुरूप सुरक्षा और देखभाल की गुणवत्ता: कोविड – 19 के लिए वर्तमान मानकोंके अनुरूप कोविड मरीजों के संभावित मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्रों और क्वारंटाइन सेंटर पर स्वास्थ्य सेवाएं पाने का अधिकार हैं । सभी के लिए बचाव और सुरक्षा मानकों के अनुरूप हों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, अपंग व्यक्ति आदि का विशेष ध्यान रखा जाये ।
नैदानिक परीक्षण (दवा परिक्षण) और प्रयोगात्मक इलाज: परीक्षण में भाग लेने वाले व्यक्ति को दवा परीक्षण के बारे में पर्याप्त जानकारी उसके नामांकन से पहले दी जाये । साथ उस व्यक्ति की सहमति भी उसको इस बारे में पूरी जानकारी देकर दी जाये ।
मरीजों का शिक्षण: राज्य सरकारों को कोविड – 19 के बारे में व्यापक जागरूकता समाज के सभी वर्गों के बीच करना चाहिए । साथ ही कोविड- 19 के इलाज, जाँच, स्वास्थ्य केद्रों, कार्यक्रमों, मुफ्त देखभाल, निजी अस्पतालों में नियंत्रित इलाज आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के बारे में जागरूकता करना होगा ।
शिकायत निवारण: राज्य सरकारों को एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना करना होगी जो कि सार्वजनिक एवं निजी दोनों प्रकार के स्वास्थ्य संस्थानों की शिकायतों को सुन सके। साथ ही एक अपीलीय प्राधिकरण भी होना चाहिए ।
आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं: कोविड – सार्वजनिक अस्पतालों में 19 और नॉन कोविड मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त क्षमता और सेवाएं सुनिश्चित होना चाहिए ।
स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता (नियमित एवं संविदा): कोविड – 19 की देखभाल एवं मरीजों के इलाज के साथ ही इससे सम्बंधित सभी कार्यों में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना चाहिए । नॉन कोविड कार्य में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जिनको कोविड के संपर्क में आने की संभावना हैं, उनको भी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना होगा ।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उक्त एडवाइजरी जारी करते हुए सभी राज्य सरकारों ओर केंद्र शासित प्रदेशों को इसे क्रियान्वित करने का निर्देश जारी करते हुए सभी से एक्शन टेकन रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करने के लिए कहा है ।
जन स्वास्थ्य अभियान के अमूल्य निधि, एस आर आजाद, राकेश चांदौरे, डॉ जी डी वर्मा, शमारुख धारा, राहुल शर्मा आदि ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा कोविड – 19 के सन्दर्भ में जारी किये गए स्वास्थ्य अधिकार एडवाइजरी का स्वागत किया हैं। अभियान ने मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिखकर मांग है कि मरीजों के हित में मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी को तुरंत क्रियान्वित करें और इसके अनुरूप सभी व्यवस्थाएं शीघ्र करें ताकि मरीजों को बिना भेदभाव के स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं मिल सकें ।
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