जयपुर, 9 फरवरी। भारत की विरासत नदियों पर जो संकट है, उसके समाधान के उपाय खोजने, भारत में नदी साक्षरता, जल साक्षरता का काम बढ़ाने के लिए 11 और 12 फरवरी 2022 को जोधपुर में नदी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में प्रख्यात पर्यावरणविद मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ. राजेंद्र सिंह, भारत सरकार के जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, नमामि गंगे परियोजना के महानिदेशक अशोक कुमार, तेलांगना जल बोर्ड व पेंसुलरु रिवर काउंसिल के अध्यक्ष वी. प्रकाशराव व हिमालय रिवर काउंसिल की अध्यक्ष डॉ. इंदिरा खुराना विशेष रूप से शामिल होगी।
तरुण भारत संघ के निदेशक मौलिक सिसोदिया ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत की विरासत नदियों पर संकट है। नदियों की विरासत को संभालने, इसके पुनर्जीवित करने और ठीक रखने की चिंता सरकार दिखा रही है। लेकिन इसके लिए राज और समाज दोनों को मिलकर नदियों के संकट के उपायों को खोजने होंगे। इस सिलसिले में आगामी 11 और 12 फरवरी 2022 को जल आश्रम, जलदर्शन मार्ग जलभगीरथी फाउंडेशन, एयरफोर्स रेडार रोड़, कायलाना लेक के पास, बिजुलाई, जोधपुर में नदी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में देशभर से 15 राज्यों के पानी व नदियों पर काम करने वाले प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
मौलिक सिसोदिया ने कहा कि नदियों को बचाने के लिए के लिए राज और समाज दोनों को आगे आना होगा। अगर नदियां नहीं बची तो समाज भी नहीं बचेगा। नदियों और मनुष्य के बीच जो रिश्ता खत्म हुआ है, उसे दोबारा स्थापित करना होगा।