नई दिल्ली, 24 नवंबर । काका साहब कालेलकर और विष्णु प्रभाकर की स्मृति में गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान की ओर से सन्निधि सभागार में आयोजित एक समारोह में पर्यावरण के क्षेत्र में निरंतर रचनात्मक लेखन करने के लिए वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत को पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री लतांत को पूर्व में गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली द्वारा स्वामी प्रणवानंद शांति सम्मान और केंद्रीय गांधी स्मारक निधि और हिमाचल सरकार सहित अनेक संस्थाओं द्वारा रचनात्मक लेखन के लिए विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
इस मौके पर प्रसून लतांत ने कहा कि हमारे पास वैश्विक विरासत के रूप में हिमालय और गंगा सहित अनेक नदियां हैं, घने जंगल है और पर्यावरण का पाठ पढ़ाती भारतीय ज्ञान परंपराएं हैं, जिनकी रक्षा करने की सख्त जरूरत है । सभी काम सरकार के भरोसे लोगों को नहीं छोड़ देना चाहिए। जो हमारे हित में है और जीवनदायिनी है उसके लिए हमें सरकार से उम्मीद करने के बजाय खुद ही सामूहिक रूप से पहल करनी चाहिए।
प्रसून लतांत को जब सम्मानित किया गया तब मौके पर काका कालेलकर की शिष्या कुसुम शाह ,विष्णु प्रभाकर के परिवार के अतुल प्रभाकर अनुराधा प्रभाकर, गांधीवादी रमेश शर्मा और हिंदी उर्दू अदबी संगम के डॉo सैयद अली अख्तर नक़वी सहित राजधानी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अनेक कवि, लेखक, पत्रकार, समाज सुधारक और पर्यावरणविद मौजूद थे।
लतांत को यह सम्मान हिंदी उर्दू अदबी संगम नई दिल्ली द्वारा दिया गया। संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉo सैयद अली अख्तर नक़वी के मुताबिक साहित्यिक संस्था हिंदी ऊर्दू अदबी संगम दिल्ली की ओर से प्रति वर्ष शिक्षा, साहित्य, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण व समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति में रहकर कार्य करने वाले बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया करती है।