नर्मदा संरक्षण एवं पर्यावरण और उसके किनारे बसे आदिवासी एवं वंचित समुदाय की आजीविका बचाने के लिए 30 वर्षो से संघर्षरत बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के राज कुमार सिन्हा को इंडिया रिवर फोरम, दिल्ली द्वारा ‘भगीरथ प्रयास सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान नमामी गंगे प्रोजेक्ट के प्रशासनिक अधिकारी राजीव रंजन मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में 27 नवम्बर 2021 को आनलाइन आयोजित कार्यक्रम में दिया गया। यह सम्मान नदियों को बचाने एवं संरक्षित करने के लिए उत्कृष्ट कार्य एवं सतत प्रयास करने वाले संगठन या संस्था को दिया जाता है। इसका गठन 2014 में किया गया था, जिसके पहले ज्यूरी रामा स्वामी अय्यर थे।
सम्मान प्राप्त करने के उपरांत अपने उद्बोधन में राजकुमार सिन्हा ने कहा कि यह सम्मान बरगी विस्थापितों के पुनर्वास और नर्मदा को संरक्षित करने में शामिल सभी लोगों को समर्पित है। नर्मदा केवल एक नदी नहीं है, बल्कि यह सभ्यता, संस्कृति और आस्था का केंद्र है। इसे हर कीमत पर बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। नर्मदा की 41 सहायक नदियों की स्थिति भी दयनीय है, जो नर्मदा को सदानीरा बनाये रखती है।
‘इंडिया रिवर फोरम’ को देश की विभिन्न नामी संस्थाओं ने मिलकर बनाया है। जिसमें अशोका ट्रस्ट फार रिसर्च इन इकालॉजी एण्ड इनवायरमेंट, इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चर हेरिटेज, पीस इंस्टीट्यूट, पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट देहरादून, साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डेम रिवर्स एण्ड पीपुल्स, सोसाइटी फॉर परफार्मिंग पार्टीसीपेटिव इको सिस्टम मेनेजमेन्ट, टॉक्सीक लिंक, वेदियम इंडिया फाउन्डेशन, डब्लू डब्लू एफ इंडिया शामिल है।
उल्लेखनीय है कि राजकुमार सिन्हा पिछले 30 वर्षों से नर्मदा नदी और नदी के किनारे रहने वाले समुदायों के संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका संगठन, बरगी बांध विस्थापित और प्रभावित संघ, नर्मदा नदी की ऊपरी पहुंच में विनाशकारी परियोजनाओं के खिलाफ अभियान चला रहे है और बरगी बांध से प्रभावित लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।
कुमार सिद्धार्थ जी की विषय प्रस्तुति शैली लाजवाब है