अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने किया पहले डिजिटल कोष का निर्माण
बेंगलुरु, सितम्बर 21, 2022। अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, बंगलौर ने अंग्रेज़ी से भारतीय भाषाओं में अनुवादित अकादमिक संसाधनों के अपनी तरह के पहले डिजिटल कोष का अनावरण किया। यह मुक्त पहुँच वाला (ओपन एक्सेस) कोष है, जो देश भर में छात्रों, शिक्षकों, अध्यापक–शिक्षकों आदि को स्वतंत्र एवं व्यापक रूप से उपलब्ध है। इस कोष को ‘अनुवाद सम्पदा’ नाम दिया गया है, जिसमें क़रीब 2000 अकादमिक संसाधन हैं और नए संसाधन लगातार जोड़े जा रहे हैं। वर्तमान में अकादमिक सामग्री हिन्दी और कन्नड़ भाषा में उपलब्ध है।
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के कुलपति इन्दु प्रसाद ने ‘अनुवाद सम्पदा’ https://anuvadsampada.azimpremjiuniversity.edu.in/ का समारम्भ किया, जो स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता के अकादमिक संसाधनों की कमी को दूर करने की दिशा में एक क़दम है। इस मौक़े पर शिक्षक, छात्र, अध्यापक–शिक्षक और सरकार के अधिकारीगण उपस्थिति थे।
ओपन एक्सेस वैबसाइट
यह पहल छात्रों, शिक्षाविदों और शिक्षाकर्मियों को विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी और भाषाओं में अकादमिक संसाधनों का पता लगाने, उपयोग करने और पुन: उपयोग करने में सक्षम बनाएगी। यह कोष हिन्दी और कन्नड़ में मूल लेखन, पठन, चिन्तन और विमर्श को बढ़ावा देने में भी मददगार होगा।
हिन्दी और कन्नड़ में गुणवत्तापूर्ण अनुवाद
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में इस पहल का नेतृत्व कर रहे डॉ. हृदय कान्त दीवान के अनुसार, “भारतीय भाषाओं में अकादमिक संसाधनों की अनुपलब्धता शिक्षा तक पहुँच को बढ़ाने और समावेश सुनिश्चित करने में एक बड़ी बाधा है। हमारा मानना है कि यह पहल छात्रों को ऐसी अवधारणाओं और विचारों के साथ ज़्यादा गहराई से जुड़ने में मदद करेगी जो वर्तमान में सिर्फ़ अंग्रेज़ी में उपलब्ध हैं; साथ ही यह उनके बीच सूक्ष्म अर्थभेदी बहस को प्रोत्साहित करेगी, और विविध सन्दर्भों में उनके नज़रियों को विकसित करेगी।”
2000 अकादमिक सामग्रियों का निरन्तर बढ़ता कोष
अनुवाद संपदा कोष में शिक्षा और विकास में स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए, और कला, विज्ञान एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में स्नातक कार्यक्रम के लिए विशिष्ट अकादमिक संसाधन शामिल हैं। इनके अलावा, इस कोष में पत्रिकाओं से चयनित लेखों, पुस्तकों के उद्धरणों या पूर्ण अध्यायों, पॉडकास्ट, लघु फ़िल्मों, संक्षिप्त व्याख्यानों और उच्च शिक्षा से सम्बन्धित पैनल चर्चाओं को भी सम्मिलित किया गया है।
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकाशनों जैसे, ‘लर्निंग कर्व’, ‘एट राइट एंगल्स’, ‘आई वंडर’ और ‘पाठशाला’ से स्कूली शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर केन्द्रित लेखों के साथ ही अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकें और शोध अध्ययन भी इस कोष का हिस्सा हैं।
विश्वविद्यालय, ‘अनुवाद सम्पदा’ की वैबसाइट पर ओपन एक्सेस वाली अकादमिक पठन सामग्रियों की संख्या को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकाशकों से कॉपीराइट की अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय कर्नाटक सरकार के अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2010 के तहत स्थापित किया गया। अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन ने विश्वविद्यालय को पूरी तरह से लोकोपकारी और ग़ैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित किया, जिसका स्पष्ट सामाजिक उद्देश्य एक न्यायसंगत, समतामूलक, मानवोचित और सम्पोषणीय समाज के निर्माण में योगदान देना है।
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