सातवें दिन सेवाग्राम साबरमती संदेश यात्रा अहमदाबाद पहुंची
23 अक्टूबर 21. साबरमती आश्रम के स्वरूप में बदलाव की कोशिश के विरोध में सेवाग्राम आश्रम से साबरमती आश्रम (अहमदाबाद) तक चल रही 8 दिवसीय ‘सेवाग्राम साबरमती संदेश यात्रा’ आज सातवें दिन नडियाद होते हुए अहमदाबाद पहुँची, जहां यात्रियों का जोरदार स्वागत हुआ।
नाडियाद में यात्रा दल रैली के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म स्थली पहुंचा, यहां श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद यात्री दल नाडियाद के हिंदू अनाथालय संस्था पहुंचा। सभा का संचालन और स्वागत भाषण करते हुए उत्तम भाई पटेल ने कहा कि साबरमती आश्रम को सरकार नया स्वरूप देना चाह रही हैं। इस यात्रा का उद्देश्य गांधी के प्रतीकों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सके। सरकार ने जलियांवाला बाग और सेवाग्राम आश्रम के स्वरूप बदलने का प्रयास किया है। ऐसा ही प्रयास सरकार साबरमती आश्रम के साथ करने जा रही हैं। यह गांधी की विरासत है।
गांधी की सादगी, शांति और सहजीवन के साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। यह रास्ता सही नहीं है। आज पूरी दुनिया सादगी, शांति, सदभाव की सीख गांधी विचार से ले रही है, वहीं सरकार उसी विरासत के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास कर रही है। गांधी आश्रम में बदलाव रोकने के लिए हम अहिंसक रास्ते को अपनाते हुए सरकार को सचेत कर रहे हैं।
राजेन्द्र सिंह ने कहा कि साबरमती आश्रम से हमें ऊर्जा मिलती है। सरकार से हम अपील करते हैं कि गांधी के विरासत के साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ का प्रयास करेगी तो हम सरकार के साथ आमने- सामने गांधी के बताए रास्ते ‘सत्याग्रह’ चलाकर विरासत बचाने का प्रयास करेंगे।
सर्वोदयी विचारक सवाई सिंह ने साबरमती आश्रम के प्रति हो रहे भेदभावपूर्ण प्रयास का पुरजोर विरोध करने की बात कही। उन्होंने कहा कि गांधी के मूल्यों को मानने वाले लोग गांधी के साबरमती आश्रम के साथ सरकार का किसी भी तरह के हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम भले ही मुट्ठी भर लोग अभी निकले हैं, पर यह कारवां अपने आप बढ़ता जाएगा।
इसके बाद यात्रा अहमदाबाद के गुजरात विद्यापीठ के लिए रवाना हुई। विद्यापीठ में आयोजित सभा को सर्व सेवा संघ की आशा बोथरा ने संबोधित करते हुए कहा गांधीजी के ऊपर अपना इतिहास बनाने वालों के सपने साकार नहीं होने देंगे। राष्ट्रीय युवा संगठन डॉ. बिश्वजीत ने कहा कि यह आश्रम दुनिया भर के लोगों का है, अगर सरकार ने अपनी बात वापस नहीं ली तो हम देश भर में जाएंगे और 1977 का आंदोलन याद दिलाएंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रकाश शाह ने कहा कि साबरमती गांधी की भूमि है, उसको सरकार गांधीविहीन बनाना चाहेगी तो नहीं होने देंगे। ये केवल आश्रम ट्रस्टी और सरकार के बीच का मामला नहीं है इसमें सिविल सोसाइटी भी जुड़ेंगी। आश्रम के ट्रस्टियों की यह भूमिका हमारे लिए सार्थक है। सरकार ने हाल ही में, जो वीडियो क्लिप जारी की है, उसमें कहा गया है कि एक नया सरकारी ट्रस्ट बनेगा। उसको मुख्यमंत्री देखेंगे, याने सरकार द्वारा नया ट्रस्ट बनाया जाएगा और यह आश्रम के ट्रस्ट को बदलना चाहते है। नये ट्रस्ट हम भरोसा नहीं कर सकते है।
सभा का संचालन उत्तम भाई ने करते हुए कहा कि हम गांधी वाली बात के साथ रहेंगे, सत्य के साथ रहेंगे। हम सरकार की चुनौती का स्वीकार करते है। 24 अक्टूबर को साबरमती आश्रम में सरकार के सदबुद्धि के लिए प्रार्थना कर यात्रा का समापन होगा।
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