कुमारप्पापुरम में दो दिवसीय खादी सभा प्रारंभ
वर्धा 22 फरवरी। खादी एक समग्र और पूरिपूर्ण विचार है। इसकी बुनियाद सत्य और अहिंसा है। खादी विचार को टिकाने के लिए सरकारी तंत्र से मुक्ति आवश्यक है। वास्तव में खादी बगावत का झंडा है। समाज परिवर्तन की वाहक खादी का विचार जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक और तपस्या की जरूरत है।
उक्त विचार ब्रह्मविद्या मंदिर पवनार के वरिष्ठ अंतेवासी गौतम भाई ने आज खादी मिशन के तत्वावधान में कुमारप्पापुरम में आयोजित दो दिवसीय खादी सभा के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए। खादी मिशन सेवा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी इंदुभूषण गोयल और मगन संग्रहालय की चेयरपर्सन डॉ. विभा गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं।
गौतम भाई ने कहा कि खादी संस्थाओं से भी ज्यादा महत्व खादी विचार का है। इसमें हिम्मत और साहस की आवश्यकता है। विज्ञान युग में खादी विचार और अधिक प्रासंगिक हो गया है। इसलिए गहराई से चिंतन करके इसे नया मोड़ देना चाहिए। उन्होंने संत विनोबाजी के कथन को दोहराते हुए कहा कि खादी सेवकों में निर्भय, निर्वैर और निष्पक्षता का गुण होना चाहिए, जिससे सत्य, प्रेम और करुणा की साधना की जाती है।
इंदुभूषण गोयल ने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में हर क्षेत्र में कारपोरेट का दखल बढ़ गया है। खादी भी इससे अछूती नहीं रही है। पर्यावरण रक्षण का आधार खादी विचार से बढ़कर और क्या हो सकता है। खादी भोगवादी संस्कृति के खिलाफ खड़ी है। सर्वोदय विचार मनुष्यता के रक्षण का भाव निहित है।
राजस्थान के भगवती प्रसाद पारीक ने खादी का आध्यात्मिक तत्व: गांधी विनोबा के ग्राम स्वराज्य विचार के संदर्भ में, जवाहर सेठिया ने खादी रक्षा अभियान: उपलब्धियां और चुनौतियां विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। खुले सत्र में जम्मू-कश्मीर के मोहम्मद कुरैशी, हिमाचल प्रदेश के हीरालाल, उत्तर प्रदेश के अजीतपाल सिंह, पानीपत के अशोक शरण, कर्नाटक के वी.बी.पाटिल, गुजरात के वल्लभ भाई, पराग त्रिवेदी सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
प्रारंभ में अतिथियों ने कस्तूरबा गांधी, महात्मा गांधी और विनोबा के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत विभा गुप्ता, जवाहर सेठिया ने किया। इस अवसर पर सर्वश्री आलम सिंह, राजेंद्र कुमार अग्रवाल, मनोज जैन, जगदीशचंद्र, ध्यानचंद, पी.हमदानी, पीरजादा शब्बीर, राजेंद्र चैहान, संदीप कुमार, परवेज खान, अशोक शर्मा, सुरेश कुमार शर्मा, जगदीशप्रसाद शर्मा सहित राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, मध्यप्रदेश, कर्नाटक सहित अनेक राज्यों के 70 से अधिक खादी सेवक उपस्थित थे। संचालन डॉ. पुष्पेंद्र दुबे ने किया। आभार श्री लोकेंद्र भारती ने माना।