वाराणसी, 27 जून। देश भर में गांधी विचार से जुड़ी संस्थाओं को किसी न किसी तरह परेशान करने ही नियत से संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। शासन/ प्रशासन के बल पर कब्जे करने के प्रयास जारी है। इसी सिलसिले में पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ के वाराणसी परिसर पर रेल विभाग की तरफ से मुकदमा किया गया, वहीं वाराणसी स्थित गाँधी विद्या संस्थान पर बलात कब्जा कर लिया गया। गौरतलब है कि गाँधी विद्या संस्थान के मामले में पहले से भी अनेक मुकदमें विभिन्न न्यायालयों में चल रहे हैं। वहीं गाँधी विद्या संस्थान पर कब्जे के विरोध में परिसर में लगातार धरना कार्यक्रम भी जारी है।
आज मंगलवार को अचानक रेलवे सुरक्षा बल की एक टुकड़ी की तरफ से परिसर स्थित सर्व सेवा संघ के सभी भवनों पर यह नोटिस चस्पा की गयी है। नोटिस के मुताबिक 30 जून से पहले यह जमीन खाली करने का निर्देश दिया गया है। प्रकाशन और परिसर के कार्यकर्ताओं तथा निवासियों को ‘अतिक्रमणकारी’ कहकर संबोधित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सर्व सेवा संघ, वाराणसी, गंगा नदी के तट पर राजघाट में 8.70 एकड़ के परिसर में स्थित है। 15 मई 1960 को उत्तर रेलवे से खरीदी गई भूमि का विक्रय पत्र सर्व सेवा संघ के कार्यालय में संरक्षित है। बहरहाल, दिसंबर 2020 में, सरकार ने जमीन के एक हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया क्योंकि पास में काशी रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर निर्माण की योजना है। निर्माण सामग्री को साइट पर डंप कर दिया गया है, और श्रमिकों के लिए अस्थायी शौचालय और अन्य संरचनाएं अवैध रूप से बनाई गई हैं। सर्व सेवा संघ ने भूमि उपयोग के विरोध में कई पत्र लिखे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने अब तक जमीन के अस्थायी कब्जे के लिए मुआवजे और किराए का मौखिक आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक कोई पैसा नहीं दिया गया है।