सत्‍ता के मनमानेपन के खिलाफ चल रहा सविनय अवज्ञा सत्‍याग्रह का 51वें दिवस में प्रवेश

वाराणसी, 10 जुलाई। सर्व सेवा संघ के मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति हॄषिकेश राय की खंडपीठ ने सुनवाई अगले शुक्रवार तक के लिए टाल दी। अब यह सुनवाई 14 जुलाई को होगी, तब तक कोर्ट के निर्देशानुसार भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही नहीं की जा सकेगी। इस बारे में प्रसिद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सर्व सेवा संघ के राम धीरज भाई को फोन पर सूचित किया।

उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में गांधीवादी मूल्यों के प्रचार में संलग्‍न सर्व सेवा संघ के भवनों को गिराने का आदेश देने के वाराणसी के जिलाधिकारी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 जुलाई को सुनवाई तय की थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने पिछले शुक्रवार को कील प्रशांत भूषण की दलीलों का संज्ञान लिया और कहा कि वह जिलाधिकारी को सूचित कर सकते हैं कि शीर्ष अदालत सोमवार को याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत है। इस दौरान ढांचा ढहाया नहीं जाएगा।

वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले की तत्काल सुनवाई और भवनों के ध्‍वस्‍तीकरण के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के विचारों और दर्शन का प्रचार करने के लिए आचार्य विनोबा भावे ने 1948 में सर्व सेवा संघ की स्थापना की थी। अब स्थानीय प्रशासन द्वारा इन भवनों को ढहाने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले संगठन ने वाराणसी में 12.90 एकड़ भूखंड पर बने ढांचों को गिराने के लिए उत्तर रेलवे द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था। 

याचिकाकर्ता सर्व सेवा संघ के मुताबिक यह परिसर उनका है। छह दशक बाद जिस जमीन को उत्तर रेलवे अपना बता रहा है उसे दान के पैसे से खरीदा गया था। उत्तर रेलवे ने साल 1960, 1961 और 1970 में तीन बैनामों के जरिए अपनी जमीन सर्व सेवा संघ को बेची थी।

सत्‍ता के मनमानेपन के खिलाफ चल रहा सविनय अवज्ञा सत्‍याग्रह का 51वें दिवस में प्रवेश

इसी गहमागहमी के चलते गांधीवादियों की ओर से लगातार दलीलें दी जाती रही है। वाराणसी जिलाधीश के ध्‍वस्‍तीकरण के फैसले के विरोध में सर्व सेवा संघ परिसर में चल रहा सत्‍याग्रह आज 51 वें दिन में प्रवेश कर गया। उपस्थित सत्याग्रहियों ने उत्साह एवं नारे के साथ सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आगामी निर्देश का स्वागत किया और कोर्ट पर विश्वास व्यक्त किया कि हम सत्य के रास्ते पर हैं व वैधानिक रजिस्ट्री है, इसलिए जीत हमारी ही होगी।

सर्व सेवा संघ के राम धीरज भाई ने कहा कि सरकार विनोबा भावे की साधना केंद्र को, जो कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण केंद्र था, को ध्वस्त करने पर अमादा है; जबकि हमारे पास सभी वैधानिक दस्तावेज हैं, रजिस्ट्री है फिर भी सरकार कुछ भी सुनने व मानने को तैयार नहीं हैं।

सत्याग्रह स्थल पर महिला चेतना समिति के युवा कार्यकर्ता वंदना ने अपने नवरचित गीत से उत्साह भर दिया “जलवा तूफानी है हम गांधीवादी हैं, सर्व सेवा संघ हमारा है… हमारा है…” प्रेरणा कला मंच की टीम ने “आया है बाबू लोगों बाजार का जमाना…” गीत को प्रस्‍तुत किया। जन गीतकार युद्धेस ने “चेहरा तेरा उदास है, यही उनका विकास है! भूख और प्यास ही उनका विकास है! “

सुजाबाद के बबलू मांझी ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि गंगा में क्रूज़ का फायदा केवल कारपोरेट कंपनियों को ही पहुंचाएगा इससे मछुआरों की बर्बादी होगी।

जय किसान आन्दोलन के नेता राम जनम ने कहा कि यह केवल जमीन बचाने की लड़ाई नहीं है बल्कि यह सभ्यता और संस्कृति बचाने की लड़ाई है। देश में लूट और कब्जे की संस्कृति चलेगी या सत्य और कानून का राज चलेगा?

सभा में आजमगढ़ से आए हुए अधिवक्ता अशोक राय, जागृति राही, धनंजय त्रिपाठी, ईश्वर चंद, एकता, नंदलाल मास्टर, सुभाष यादव, धीरेंद्र राय, इंदु पांडे, अनूप श्रमिक, राम यश यादव, बल्लभ पांडे, शंकर मांझी उपेंद्र पासवान, अंगद यादव, रोशन कुमार, छठिया देवी, रामकली, खादी कार्यकर्ता जितेंद्र भाई आदि ने अपने विचार व्यक्त किया।

आज आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद व उ०प्र० प्रभारी संजय सिंह ने जौनपुर में कार्यकर्ता समागम में सर्व सेवा संघ के मुद्दे को कार्यकर्ताओं के बीच गंभीरता से चर्चा की।

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