शुक्रवार से शुरू होगा जुल्म की निशानी पुस्तकों का वितरण
वाराणसी, 28 जुलाई । आचार्य विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित सर्व सेवा संघ के जमीन स्वामित्व को लेकर शुक्रवार 28 जुलाई को सिविल कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर नजरें टिकी है। सिविल कोर्ट के फैसले से सर्व सेवा संघ व उत्तर रेल्वे के बीच चल रहे जमीन कब्जे के विवाद का पटाक्षेप होना है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश प्रशासन और रेल्वे पुलिस ने मिलकर सर्व सेवा संघ के परिसर पर बगैर कोर्ट के आदेश के बावजूद परिसर को खाली करा दिया था। सर्व सेवा संघ प्रकाशन का लाखों रूपये का गांधी विचार साहित्य कूडे के ढेर में तब्दील कर दिया था।
वरिष्ठ गांधी विचारक एवं उत्तरप्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज भाई ने बताया कि सर्व सेवा संघ के मामले में 28 जुलाई को सिविल कोर्ट में सुनवाई है। अगर सबूत, तर्क और कानून के आधार पर फैसला होगा तो हमारे पक्ष में आएगा क्योंकि हमारे पास 1960, 1961 और 1970 का रजिस्ट्री पेपर है। हमें विश्वास है न्यायालय कानून और साक्ष्य की अनदेखी नहीं करेगा। अदालत का फैसला जो भी आएगा, हम उसे स्वीकार करेंगे।
कूडे का ढेर बना गांधी साहित्य
उन्होंने बताया कि 28 जुलाई शुक्रवार से हम जनता अदालत में भी जाएंगे। हम कूड़े की तरह फेंकी गई किताबों को सहेज और सवार रहे हैं। 5 और 10 पुस्तकों के छोटे छोटे पैकेट बना रहे है। विद्यार्थियों के लिए गांधी आत्मकथा, विनोवा की अहिंसा की तलाश, जयप्रकाश का संपूर्ण क्रांति व लोकतंत्र आदि साहित्य के पैकेट बना रहे है। वहीं गांव के लोगों के लिए खेती और ग्राम स्वराज्य संबंधी किताबें, आध्यात्मिक लोगों के लिए गीता प्रवचन, महागुहा में प्रवेश, वेदा अमृत आदि किताबें, शिक्षकों के लिए विनोबा का शिक्षण विचार और गांधीजी का बुनियादी तालीम आदि विषयों से संबंधित पुस्तकें विद्यालयों और घरों में पहुंचाएंगे। और उन्हें बताएंगे कि यह पुस्तकें दमनकारी सरकार की जुल्म की निशानी है। इसे सहेज कर रखें और आने वाली पीढ़ियों को बताएं ।
उन्होंने बताया कि सर्व सेवा संघ के साथी 1 अगस्त से बुजुर्गों और नौजवानों को टोली गांव और स्कूलों में जाकर इसका वितरण करेगी और उनसे संवाद भी करेगी। 9 अगस्त को क्रांति दिवस पर राष्ट्रीय सम्मेलन होगा और 10 अगस्त को रैली करेंगे। इस रैली मे मेधा पाटकर, राकेश टिकैत और जेपी आंदोलन के 100 से अधिक सांसद, विधायक और लोकतंत्र सेनानी आ रहे हैं।